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राजेंद्रनगर बांके बिहारी मंदिर के पास रहने वाले मनोज मिश्रा का अधजला शव उनके कमरे में गुरुवार देर रात मिला। पड़ोसियों ने उनके कमरे से धुआं उठते देख उनके पिता और भाई को फोन करके बुलाया।
बरेली में टिफिन सेंटर संचालक की हत्या, पुलिस बुनती रही हादसाें की कहानी, पोस्टमार्टम से खुला राज
बरेली, राजेंद्रनगर बांके बिहारी मंदिर के पास रहने वाले मनोज मिश्रा का अधजला शव उनके कमरे में गुरुवार देर रात मिला। पड़ोसियों ने उनके कमरे से धुआं उठते देखकर वीरसावरकर नगर में रहने वाले उनके पिता और भाई को फोन करके बुलाया। घर से ही टिफिन सेंटर चलाने वाले मनोज के स्वजनों के पहुंचने के बाद पानी डालकर आग बुझाई गई। बेड के पास शराब की बोतल और गिलास मिलने के बाद प्रेमनगर पुलिस ने शुरुआती जांच में ही मनोज की मौत को नशे में हादसा करार दिया। शुक्रवार दिनभर प्रेमनगर पुलिस यही कहानी बुनती रही। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद केस हत्या की तरफ मुड़ गया। मृत्यु से पहले मनोज के साथ मारपीट हुई थी। उनके सिर में खून का थक्का जमा हुआ मिला। उनका गला घोंटा गया था। क्योंकि गले की हड्डी टूटी हुई मिली।
डेलापीर की वीरसावरकरनगर कालोनी में रहने वाले अमित मिश्रा एसआरएमएस के एचआर विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। उनके पिता दुर्गा प्रसाद पहले सराफा की दुकान चलाते थे। अमित के मुताबिक राजेंद्रनगर में मनोज अपनी पत्नी सुनीता और नौ वर्षीय बेटे मनू के साथ रहते थे। सुनीता के पिता का देहांत होने की वजह से सुनीता अपने बेटे को लेकर एक दिन पहले शाहजहांपुर अपने मायके चली गई थी। घर में मनोज के अलावा तीन किरायेदार लड़के भी थे। जोकि यहां रहकर पढ़ाई करते हैं। गुरुवार रात करीब 8.30 बजे मनोज टिफिन देकर घर वापस लौटे थे। उन्होंने खाना खाया और अपने कमरे में सोने के लिए चले गए थे। देर रात तकरीबन 12.30 बजे उनके घर से धुआं उठते दिखने के बाद पड़ोसियों ने स्वजनों से संपर्क किया।
पैरो में लिपटी हुई थी चादर
पिता और भाई के पहुंचने से पहले प्रेमनगर थाने की पुलिस पहुंच चुकी थी। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद नहीं था। सबसे पहले सुलग रहे गद्दे पर पानी डालकर आग को बुझाया गया। कमरे में धुआं भरा हुआ था। विंडो एसी तक सुलगते हुए आग पहुंच चुकी थी। कमरे में बीड़ी के टुकड़े पड़े थे। एक तरफ शराब की बोतल रखी हुई थी। पैरों पर चादर लिपटी हुई थी।
बीड़ी के टुकड़े बेड के पास, लाइटर कमरे से बाहर फ्रीज के पास मिला
फील्ड यूनिट ने मौके पर पहुंचकर बीड़ी के टूकड़ों के नमूने इकट्ठा किए। शराब की बोतल कमरे से उन्होंने अपने कब्जे में ली। जबकि कमरे के बाद फ्रीज के पास लाइटर पड़ा मिला। ये संदेह पैदा करने वाला फैक्ट है। कमरे में मौजूद अंगूलियों के निशान भी उठाए गए। फील्ड यूनिट साक्ष्यों की रिपोर्ट एसएसपी को सौंपेगी। वहीं अग्निशमन विभाग के इंस्पेक्टर भी आग लगने के कारण पर रिपोर्ट तैयार कर रहे है। पुलिस को खून के निशान चादर और तकिया पर भी मिले हैं। जिन्हें बतौर साक्ष्य विवेचना में शामिल किया गया है। शव 42 फीसद जल चुक
पुलिस की कहानी में नशे में गिरने से आई सिर की चोट
पड़ोसियों का कहना था कि मनोज शराब बहुत पीते थे। विवाद होने के बारे में कोई नहीं बता सका। किसी ने चीखने चिल्लाने की आवाजें नहीं सुनी। प्रेमनगर इंस्पेक्टर शितांशु का कहना था कि सिर की चोट शराब के नशे में गिरने से आ सकती है। वहीं गले की हड्डी शव को उठाने के दौरान भी टूट सकती है। इस आधार पर उन्होंने पूरे घटनाक्रम को हादसा बताया कि आग लगने के बाद दम घुटने से मनोज की मौत हुई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने के संकेत नहीं मिले हैं।
भाई बोले-भरोसा नहीं होता मनोज ऐसे जाएंगे
भाई अमित मिश्रा के मुताबिक उनके भाई का किसी से कोई विवाद नहीं था। उन्हाेंने किसी पर आरोप नहीं लगाए। मृतक मनोज के पिता दुर्गा प्रसाद के मुताबिक उम्मीद नहीं थी कि आग लगने से उनके बेटे की मौत हो जाएगी। परिवार में बुरी तरह से कोहराम मचा हुआ है। उनका कहना है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी और उसकी मौत हो गई। अब पुलिस उनके घर की तरफ आने वाले रास्तों के सीसी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।