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RGA न्यूज़
मसूरी थाना क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर सोमवार देर रात बड़का आरिफपुर के पास हुए हादसे में जान गंवाने वाले गंगीरी के रतनोई निवासी सोनू का परिवार करीब 10 साल पहले गाजियाबाद में शिफ्ट हो गया था। यहां सिर्फ मां सेवा देवी रहती हैं।
हादसे में दूसरे बेटे की मौत ने पूरी तरह झकझोर दिया है।
अलीगढ़, मसूरी थाना क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर सोमवार देर रात बड़का आरिफपुर के पास हुए हादसे में जान गंवाने वाले गंगीरी के रतनोई निवासी सोनू का परिवार करीब 10 साल पहले गाजियाबाद में शिफ्ट हो गया था। यहां सिर्फ मां सेवा देवी रहती हैं। फिलहाल वे भी बच्चों के पास गाजियाबाद में ही थीं। चार साल पहले सेवा देवी अपने सबसे छोटे बेटे को खो चुकी हैं। मां उससे उबर भी नहीं पाई थी दूसरे बेटे की मौत ने पूरी तरह झकझोर दिया है।
ऐसे हुआ सड़क हादसा
रतनोई निवासी सोनू चार भाइयों व दो बहनों में तीसरे नंबर के थे। सबसे बड़ी बहन सीमा की 25 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। तब परिवार ने जैसे-तैसे अपने खुद को संभाला। पिता दलवीर सिंह होमगार्ड थे। करीब 15 साल पहले हादसे में उनकी भी मौत हो गई। तब से मां सेवा देवी टूट गईं और अकेली पड़ गईं। पिता की मौत के बाद सोनू ने गांव के पास ही मंदिर के बाहर प्रसाद आदि बेचने का काम शुरू कर दिया। करीब 11 साल पहले सोनू के बड़े भाई नीटू गाजियाबाद चले गए और वहीं नौकरी करने लगे। एक साल बाद सोनू व छोटा भाई शालू भी गाजियाबाद में शिफ्ट हो गए। सोनू बिजली विभाग में संविदा कर्मी थे। इधर, गांव में मां सेवा देवी सबसे छोटे बेटे चंद्रबोस के साथ रहती थीं। चार साल पहले चंद्रबोस का भी बीमारी से निधन हो गया। जवान बेटे की मौत से मां फिर टूट गईं। इसके बाद बच्चे मां को अपने साथ ले गए। लेकिन, वह कुछ दिन बाद गांव आ गईं। तब से कुछ दिन गांव में रहतीं, फिर गाजियाबाद चली जाती। फिलहाल दो महीने से सेवा देवी गाजियाबाद में बच्चों के साथ रह रहे
गांव में गमगीन माहौल
सोनू की मौत की खबर सुनते ही गांव में गमगीन माहौल हो गया है। सोनू के ताऊ के बेटे यशवीर ने बताया कि सोनू त्योहारों पर गांव आता था। आखिरीबार होली पर आया था। फिहाल घर पर ताला लगा हुआ था। मंगलवार रात नौ बजे तक सोनू का शव गांव में नहीं आया था।
कैंटर की टक्कर से कार सवार पांच लोगों की हुई थी मौत
मसूरी थाना क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर सोमवार देर रात बड़का आरिफपुर के पास गलत दिशा से जा रहे कैंटर (ट्रक) ने एक आल्टो कार में टक्कर मार दी। हादसे में दो मासूम समेत पांच लोगों की मौत हो गई। एक बच्ची और महिला गंभीर रूप से घायल हैं। मरने वालों में दो अलीगढ़ के हैं। लखनऊ के आजाद नगर आलमबाग निवासी 38 वर्षीय आशीष सिन्हा पुत्र वीपी सिन्हा अपनी 35 वर्षीय पत्नी शिल्पी बेटे एक वर्षी के देव सिन्हा व चाल साल की शिवि पुत्री के साथ दो दिन पूर्व इंदिरापुरम के मकनपुर विस्तार कालोनी निवासी (मूल निवासी अलीगढ़ गंगीरी के रतरोई) अपने 35 वर्षीय साढ़ू सोनू चौहान के यहां आए थे। सोमवार तड़के वह पत्नी, दोनों बच्चों, साढ़ू, साली निधि व साढ़ू की बेटी 11 वर्षीय परी उर्फ काव्या चौहान के साथ साढ़ू की आल्टो कार से हरिद्वार गए थे। वहां बेटे देव का मुंडन संस्कार कराकर वापस लौट रहे थे। सोमवार रात करीब पौने 10 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रसवे पर मसूरी थाना क्षेत्र के बड़का आरिफपुर के पास गलत दिशा से जा रहे कैंटर ने कार में जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए और आशीष, शिल्पी, सोनू, देव व परी की मौके पर मौत हो गई। निधि व शिवि गंभीर रूप से घायल हो गए। निधि व शिवि की हालत नाजुक बनी हुई है। मसूरी थाना प्रभारी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि टेंकर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद आशीष सिन्हा, शिल्पी व देव के शव को लखनऊ व सोनू और परी के शव को अलीगढ़ रवाना कर दिया गया।