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यह मामला मंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय का है। यहां पर अरसे से किसी स्थाई सर्जन की नियुक्त नहीं है। मरीजों की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यहां संविदा पर डाक्टर (सर्जन) नियुक्ति
यहां सर्जरी व आपरेशन के नाम पर मरीज से ज्यादा डाक्टर साहब ज्यादा घबराते हैं।
अलीगढ़,यह मामला मंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय का है। यहां पर अरसे से किसी स्थाई सर्जन की नियुक्त नहीं है। मरीजों की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यहां संविदा पर डाक्टर (सर्जन) नियुक्त किए हैं। हैरानी की बात ये है कि यहां सर्जरी व आपरेशन के नाम पर मरीज से ज्यादा डाक्टर साहब ज्यादा घबराते हैं। करीब पांच साल हो चुके हैं, डाक्टर साहब ने चंद हर्निया के आपरेशन व छोटी-मोटी सर्जरी के अलावा कुछ नहीं किया है। हैरानी की बात ये है कि इनके खुद के निजी हास्पिटल में खूब रौनक रहती है। हालांकि, नवागत सीएमएस ने डाक्टर साहब को लक्ष्य के अनुसार आपरेशन करने की हिदायत दे दी है।
मरीजों की परेशानी
कोरोना काल में दीनदयाल अस्पताल को लेवल-टू का कोविड केयर सेंटर बनाया गया था। संक्रमण के चलते यहां ओपीडी व अन्य सेवाएं बंद कर दी गईं। जून-जुलाई में कोरोना संक्रमण थमने पर यहां धीरे-धीरे सभी सेवाएं बहाल होती गईं। लेकिन, आंखों के आपरेशन व अन्य सर्जरी शुरू नहीं हो पाई। दैनिक जागरण ने मरीजों की समस्या को प्रमुखता से उठाया तो आंखों के आपरेशन शुरू हो गए। लेकिन, जनरल सर्जरी अभी तक शुरू नहीं हुई है। इससे अपेंडिक्स, पथरी, हर्निया, सिस्ट व आपरेशन नहीं हो पा रहे। घायल व अन्य मरीजों की सर्जरी तक डाक्टर नहीं कर रहे।
प्राइवेट हास्पिटल चला रहे सर्जन
दीनदयाल अस्पताल की ओपीडी में ऐसे तमाम मरीज आते हैं, जिन्हें सर्जरी अथवा आपरेशन की जरूरत होती है, लेकिन यहां नियुक्त सर्जन, केवल चहेतों को ही अस्पताल में देखते हैं। ज्यादातर मरीजों को टरका दिया जाता है। यहां तक शिकायतें आ रही हैं कि वे अस्पताल आए मरीजों को अपने निजी हास्पिटल में बुलाकर निजी तौर पर आपरेशन करते हैं। लोगों का कहना है कि डाक्टर साहब से कोई गरीब आदमी आपरेशन की बात कर दें, तो बगले झांकने लगते है, जैसे मरीज ने पता नहीं क्या कह दिया, जिसे वे सुनना ही नहीं चाहते। मरीज चक्कर काटते हैं और फिर परेशान होकर लौट जाते हैं।
सर्जन की काफी शिकायते मिल रही हैं। उन्हें चेतावनी दी गई है कि जनरल सर्जरी व आपरेशन के दायरे में आने वाले सभी मरीजों को भर्ती करें या समय दें। यदि उन्होंने कार्य में सुधार नहीं किया तो शासन को चिट्ठी लिखकर उनकी संविदा समाप्त कराई जाएगी, ताकि कार्य करने वाले सर्जन को नियुक्त किया जा सके।