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RGA न्यूज़
तंबाकू व्यवसायी की कंपनी का नाम विकास एंड कंपनी है जो उनके छोटे भाई विकास के नाम पर है। दूसरा भाई विवेक वर्मा भी इसी कारोबार से जुड़ा है। जीएसटी इंटेलीजेंस के अधिकारियों ने दोनों को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया लेकिन वह नहीं आए।
कानपुर, करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी मामले में जीएसटी इंटेलीजेंस को अब तंबाकू व्यवसायी विश्वजीत वर्मा के दोनों भाइयों की तलाश है। अधिकारियों ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन कई बार बुलाने के बावजूद दोनों नहीं आए। उधर, गीता नगर स्थित मकान से मिले रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों से टैक्स चोरी का पता चला। बरामद दस्तावेजों की जांच चल रही है।
तंबाकू व्यवसायी की कंपनी का नाम विकास एंड कंपनी है जो उनके छोटे भाई विकास के नाम पर है। दूसरा भाई विवेक वर्मा भी इसी कारोबार से जुड़ा है। जीएसटी इंटेलीजेंस के अधिकारियों ने दोनों को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। जीएसटी इन दोनों की तलाश में भी जुटी है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जीएसटी टीम ने तंबाकू व्यवसायी के मकान और कारखाना समेत सात ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी। इसमें मसवानपुर शिवनगर नई बस्ती, रावतपुर गांव, आनंद नगर, हितकारी नगर, गगनदीप अपार्टमेंट लाजपत नगर, नमक फैक्ट्री और गीता नगर स्थित घर पर छापा मारा गया था। गीता नगर स्थित मकान से अधिकारियों को कई रजिस्टर मिले, जिसमे तंबाकू की बिक्री व खरीद का पूरा डिटेल है। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी टीम ने 51 माह के बीच 18 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का आकलन किया। जांच पूरी होने के बाद यह धनराशि बढऩे की संभावना जतायी जा रही है।
छह हजार की मासिक बिक्री, जांच में निकली 50 लाख: जीएसटी को मिले दस्तावेजों के मुताबिक तंबाकू व्यवसायी छह हजार रुपये मासिक तंबाकू की सेल दिखा रिटर्न भरते थे, लेकिन जब दस्तावेजों की जांच हुई तो मासिक बिक्री 50 लाख रुपये पाई गई। अधिकारी बताते हैं कि डिब्बा बंद तंबाकू पर 188 फीसद जीएसटी है। कंपनी मर्द छाप चौड़ी पत्ती के अतिरिक्त कई और नामों से भी उत्पाद बनाती और बेचती है। कोलकाता, मुंबई और उत्तर प्रदेश के 160 लोगों को तंबाकू की बिक्री की जाती थी। तंबाकू की खरीद फरोख्त नकद होती थी और आय व्यय का विवरण रजिस्टर में रखा जाता था। जुलाई 2017 से सितंबर 2021 के बीच के दस्तावेज खंगाले गए तो 18 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई।