किसानों की हत्या करने वालों के खिलाफ यूएपीए के तहत हो कार्रवाई

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RGA न्यूज़

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने खैर के गौमत में जन आशीर्वाद पथ रैली में केंद्र और प्रदेश की सरकार पर जमकर हमला बोला। जींस और कुर्ते में आए जयंत ने सरकार को चौतरफा घेरने की कोशिश की।

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने गौमत में सरकार को घेरने की कोशिश की।

अलीगढ़ राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने खैर के गौमत में जन आशीर्वाद पथ रैली में केंद्र और प्रदेश की सरकार पर जमकर हमला बोला। जींस और कुर्ते में आए जयंत ने सरकार को चौतरफा घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह पीठ थपथपा रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि वह मंत्री और उनके बेटे दोनों को बचाना चाह रहे हैं।

आरोपित को बचाने की कोशिश

विदेश में यदि कोई किसी को गाड़ी से कुचल दे तो आतंकवादी हमला माना जाता है। वहां उसी के तहत कार्रवाई होती है। मगर, यहां तो आरोपितों को बचाने की कोशिश की जा रही है। सरकार को ऐसे लोगों पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। मगर यह सरकार किसानों को ही आतंकी और नक्सली बताती है। किसानों को रौंदा जा रहा है। इसलिए किसानों को आतंकी कहने वालों को महिमामंडित किया जा रहा है। लखीमपुर खीरी जाने से मुझे रोका गया। मैं तो किसानों का दुःख बांटने गया था। मगर, मुझे पैदल चलना पड़ा, भेष बदलना पड़ा। फिर भी मैं किसानों के परिवारों के बीच पहुंचा। किसानों की मां, बहन और परिवार बिलख रहे थे, उनके दुःख को बांटा। पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से मिला। एक किसान को गोली लगी, मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं आने दिया गया।

जयंत ने छोड़े तीखे बाण

जयंत चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तीखे बाण छोड़े। उन्होंने कहा कि अभी हाल में पीएम मोदी लखनऊ गए थे। मगर उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बारे में दो शब्द भी नहीं बोला, खीरी गए तक नहीं। ऐसा लगा कि मानों वहां कोई घटना हुई ही नहीं। जयंत ने कहा कि योगी अपने को तपस्वी कहते हैं, मगर वो योगी हैं नहीं, वह कहते हैं कि शादी नहीं की। मगर, यहां शादीशुदा लोग हैं, माताएं हैं। वह कहते हैं कि परिवार वाले भ्रष्ट होते हैं, क्या यहां लोग भ्रष्ट हैं। यदि इनकी सरकार बनी तो कंवारे रह जाएंगे। जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार के लोग आपके बीच आएंगे कहेंगे कि मंदिर बनवा दिया। यह भी कहेंगे हमें वोट नहीं दिया तो देश में तालिबानी घुस जाएंगे। जयंत ने चुटकी ली मगर ये पीछे से गाड़ी चढ़ा देंगे। इन्होंने तो केरल में भी पोस्टर लगवा दिया है कि यूपी नंबर एक है, बस सरकारी पैसा लुटाया जा रहा है। सड़कों पर गड्ढे हैं और कहा जा रहा है कि सड़कें गड्ढा मुक्त हैं। अपराध बढ़ रहा है, मगर कहा जा रहा है कि अपराध कम हो रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार 2018 में 5.85 लाख आपराधिक मामले दर्ज किए गए, 2109 में 6.30 लाख और 2020 में 6.50 लाख अपराधिक मामले दर्ज किए गए। हत्याएं हो रही हैं। दलितों पर अत्याचार हो रहा है, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। मगर, ये कह रहे हैं कि हमने सरकारी आफिसों और कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। मगर, थाने के बाहर खोखे रखे हैं, खेल तो वहां होता है। कहा जाता है कि थाने में नहीं खोखे पर दे आओ। अब डिलिंग खोखे पर होती है।

किसानों की आय दो गुनी

पीएम मोदी ने कहा था कि 2022 में किसानों की आए दो गुनी कर देंगे? कितने किसानों की आय दोगुनी हो रही है, जरा बता दें। हां, डीजल, पेट्रोल के दाम प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी अनाज नहीं बिक रहा है। बाजरा, मक्का आदि को किसानों को कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। किसानों पर 17 लाख करोड़ रुपये कर्ज है। बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ कर दिया जाता है या फिर उन्हें भगा दिया जाता है। 11 महीने से किसान धरने पर बैठे हैं, उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया। किसान सम्मान निधि के नाम पर किसानों को छला जा रहा है, जितना किसानों को पैसा नहीं मिलता उसके एवज में डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए जाते हैं। जयंत ने कहा कि सरकार ऐसी बनाओ जो जनता के सामने झुकना जानें, ये लोग झुकना नहीं जानते हैं। जयंत ने कहा यदि उनसे कोई गलती हुई हो तो माफ कर देना। घर-परिवार में माफ कर दिया जाता है। 31 अक्टूबर को सरदार पटेल के जन्मदिन पर राष्ट्रीय लोकदल अपना घोषणा पत्र जारी करेगी। जिसमें हम वादा करेंगे कि डीजल, पेट्रोल के दाम को अनावश्यक बढ़ने नहीं देंगे। किसान सम्मान निधि 6000 से बढ़ाकर 12000 रुपये करेंगे। गरीबों को सालना 15000 रुपये देंगे। देश के संसाधनों पर किसानों का हक होगा। महिला, युवा आदि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा। जयंत ने नारा दिया, रालोद किसानों की है फौज तो आपकी होगी मौज।

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