इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, न्यूनतम वेतन से कम भुगतान जबरन मजदूरी कराना है

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RGA न्यूज़

हाई कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार की बात मान ली जाय तो कोर्ट भी दैनिक कर्मी का लंबे समय तक शोषित होने की दोषी होगी। कोर्ट ने कहा 450 रुपये प्रतिमाह वेतन देना जबरन मजदूरी कराना है। यह संविधान के अनुच्छेद-23 का खुला उल्लंघन है।

हाई कोर्ट ने कहा 450 रुपये प्रतिमाह वेतन देना जबरन मजदूरी कराना है।

प्रयागराज, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि समझ से परे कि राज्य सरकार पिछले 20 साल से 450 रुपये प्रतिमाह देकर जबरन श्रम लेकर शोषण कैसे कर सकती है? सरकारी वकील ने कहा कि एक जुलाई 1992 के शासनादेश के तहत यह कार्य लिया जा रहा है और माना कि न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार की बात मान ली जाय तो कोर्ट भी दैनिक कर्मी का लंबे समय तक शोषित होने की दोषी होगी। कोर्ट ने कहा 450 रुपये प्रतिमाह वेतन देना जबरन मजदूरी कराना है। यह संविधान के अनुच्छेद-23 का खुला उल्लंघन है।

न्यूनतम वेतन का भुगतान करने का राज्य सरकार को निर्देश

हाई कोर्ट ने याची को 15 जून 2001 से दी गई राशि की कटौती कर न्यूनतम वेतन का भुगतान करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। साथ ही 2016 की नियमावली के अंतर्गत निदेशक एमडीआइ हास्पिटल प्रयागराज को चार माह में सेवा नियमित करने पर निर्णय लेने का भी आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने तुफैल अहमद अंसारी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची कहार के कार्य के लिए 2001 से कार्यरत है। सेवा नियमित करने की मांग में याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कर्नाटक राज्य बनाम उमा देवी केस के फैसले के तहत याची सेवा नियमित किये जाने का हकदार है। सेवा नियमावली 2016 में 31 दिसंबर 2001 के पहले से कार्यरत दैनिक कर्मचारियों को नियमित होने का अधिकार है।

विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन

प्रयागराज : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन बचपन डे केयर सेंटर में हुआ। इसमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों व उनके माता पिता को मानसिक स्वास्थ्य एवं दिव्यांगता के क्षेत्र में सहयोग करने वाले कानूनों के बारे में बताया गया। मुख्य अतिथि नोडल अधिकारी/एडीजे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण निशा झा रहीं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी एनसीडी सेल डा. वीके मिश्रा ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य की टीम कॉल्विन अस्पताल में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को सक्रिय रहती है। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान कराया जा सकता है। इस अवसर पर सिविल जज जूनियर डिविजन हिना कौसर, प्रज्ञा सिंह, शालिनी, डॉ. ईशान्या राज, डा. राकेश पासवान, नितिन श्रीवास्तव आदि ने विचार रखे।

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