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बुलंदशहर में बेटों ने ही अपने पिता को मौत के घाट उतार दिया था। होली पर्व पर घर आए बीएसएफ में दारोगा की मौत की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने दारोगा के बेटे और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।
बुलंदशहर में दोनों बेटों ने ही अपने बीएसएफ में दारोगा पिता की हत्या की थी।
बुलंदशहर, बुलंदशहर में बीएसएफ के हेड कांस्टेबल रामपाल सिंह द्वारा बड़े बेटे की पत्नी से नाजायज संबंध बनाने के विरोध में बेटे हिमांशु व रोशिन्द्र ने बलकटि से प्रहार कर हत्या की थी। हत्या के बाद शव को गांव के ही प्रशांत के साथ जंगल में पुराने कुएं में दबा कुएं को मिट्टी से भर दिया था। एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि मृतक के छोटे बेटे हिमांशु की निशानदेही पर कुएं से शव बरामद कर लिया है। हत्यारोपित पुत्र हिमांशु को जेल भेजा जा रहा है। दूसरे हत्यारोपित बेटे रोशिन्द्र की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं । जबकि हत्या में शामिल तीसरा आरोपी प्रशांत इंटरनेट मीडिया पर तमंचा की पोस्ट शेयर करने पर जेल में बंद है
किसी बात को लेकर हुई थी तकरार
29 मार्च को रंग खेलकर रामपाल सिंह घर आये। शराब के नशे में धुत पिता की हिमांशु से किसी बात को लेकर तकरार हो गई। हिमांशु ने पिता के सिर में एक डंडा दे मारा, जिससे दरोगा रामपाल की मौत हो गई। नाजायज संबंध बनाने की बात
कोरोना का खोफ दिखा छिपाया शव
हत्या के बाद हिमांशु ने गांव निवासी दोस्त प्रशांत पुत्र जनम सिंह को बुलाया और शव बाइक पर रखकर ट्यूबेल पर ले गए और कुएं में डाल दिए। गांव के लोगों ने जब रामपाल को बेहोशी की हालत में हिमांशु को ले जाते देखा तो पूछताछ की। हिमांशु ने हालत खराब होने और चिकित्सक को दिखाने की बात कही। जबकि लौटकर कोरोना पाजिटिव आने और गंगा घाट पर दाह संस्कार करने की बात कही।
अगौता पुलिस की लापरवाही उजागर
दरअसल, पिता की हत्या करने के बाद हिमांशु अपने बड़े भाई के साथ अगौता थाने पहुंचा और पिता के लापता होने की सूचना दी। साथ ही पिता रामपाल को बाबूगढ़ छावनी बस में बैठकर डुएटी भेजने की बात कहकर गुमराह किया। अगौता पुलिस ने इस मामले में जरा भी दिलचस्पी नही दिखाई। हालांकि रामपाल की हत्या की बाबत प्रत्येक ग्रामीण जानता था और सैकड़ों ग्रामीण लापता दरोगा की बरामदगी को एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे।
डायरी ने खोला राज
बीएसएफ के दारोगा रामपाल ने अपने छोटे भाई वेदप्रकाश को उसकी बेटी की शादी में ढाई लाख रुपये उधार दिया था। हालांकि वेदप्रकाश गांव से अपने हिस्से की जमीन और घर बेचकर बुलंदशहर में रहता है। पिता की हत्या के बाद दोनों बेटों के हाथ वो डायरी लग गई जिसमें ढाई लाख रुपये भाई वेदप्रकाश को दिए जाने की बाबत रामपाल ने लिखा था। दोनों बेटों ने चाचा पर रुपयों का तकादा किया। इससे बौखलाए वेदप्रकाश ने पुलिस कार्यालय में भाई को बरामद करने की गुहार लगाई।