22 अक्टूबर से होगी बीएड की पूल काउंसिलिंग, सीट न मिलने वाले अभ्यर्थियों के पास मौका

harshita's picture

RGA न्यूज़

 लखनऊ विश्वविद्यालय 22 अक्टूबर से बीएड 2021-23 के लिए बची हुई सीटों पर पूल काउंसिलिंग कराएगा। इस चरण में उन सभी अभ्यर्थियों को शामिल होने का मौका दिया जाएगा जिन्हें अभी तक कोई भी सीट आवंटित नहीं हुई हैं

पूल काउंसिलिंग में शामिल होने पर अभ्यर्थियों को पूरी फीस 51,250 रुपये जमा करनी होगी।

लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय 22 अक्टूबर से बीएड 2021-23 के लिए बची हुई सीटों पर पूल काउंसिलिंग कराएगा। इस चरण में उन सभी अभ्यर्थियों को शामिल होने का मौका दिया जाएगा, जिन्हें अभी तक कोई भी सीट आवंटित नहीं हुई है। या फिर जो अब तक पंजीकरण नहीं कर पाए और यदि पंजीकरण किया तो उन्हें सीट नहीं मिली। ऐसे सभी अभ्यर्थियों के लिए विकल्प खोल दिए जाएंगे। पूल काउंसिलिंग में शामिल होने पर अभ्यर्थियों को पूरी फीस 51,250 रुपये जमा करनी होगी। 

दरअसल, बीएड सत्र 2021-23 में 2,35,010 सीटों पर दाखिले के लिए काउंसिलिंग चल रही है। इनमें 7,830 सीटें विश्वविद्यालय, राजकीय एवं सहायता प्राप्त कालेजों और 2,27,180 सीटें स्ववित्तपोषित कालेजों की हैं। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि चौथे चरण में जिन 21,406 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित हुई हैं, उन्हें 16 अक्टूबर तक सीट कन्फर्मेशन के साथ शुल्क जमा करने का मौका दिया गया है। यह अंतिम मौका है। इसके बाद 17 से 19 अक्टूबर तक खाली सीटों के साथ नए जुड़ने वाले कालेजों की सीटों का ब्योरा जुटाया जाएगा। यह देखा जाएगा कि कितने अभ्यर्थियों ने फीस जमा कर दी है। फिर खाली सीटों पर 22 से 26 अक्टूबर तक पूल काउंसिलिंग की जाएगी।

पंजीकरण और च्वाइस भरने के लिए चार दिन का मौकाः पूल काउंसिलिंग में 22 से 25 तक पंजीकरण और च्वाइस फिलिंग होगी। 26 अक्टूबर को सिर्फ च्वाइस फिलिंग की जाएगी। 27 अक्टूबर को सीट आवंटन के नतीजे जारी किए जाएंगे। 28 से 30 अक्टूबर तक अभ्यर्थी आवंटन लेटर डाउनलोड कर सकेंगे। 

आठ नवंबर से सीधे दाखिलेः पूल काउंसिलिंग के बाद जो भी सीटें खाली रह जाएंगी। उन पर सीधे दाखिले की शुरुआत आठ नवंबर से शुरू होकर 12 नवंबर तक चलेगी। इसमें अभ्यर्थियों को आनलाइन पंजीकरण कर सीटों पर सीधे प्रवेश का मौका मिलेगा।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.