अलीगढ़ में तीन रोडवेज बस स्टैंड, फिर भी अव्यवस्थाओं से यात्री हो रहे परेशान, जानिए क्यों

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RGA न्यूज़

शहर में रोडवेज के तीन बस स्टैंड हैं। रोजाना ही यहां से करीब 25 हजार यात्री सफर करते हैं इससे विभाग को लाखों रुपये का राजस्व भी मिलता है। बात अगर यात्री सुविधाआें की करें तो सुविधा के नाम पर सिर्फ जीरो है ।

रोडवेज के जिम्मेदार इन अव्यवस्थाओं को दूर कराने पर जोर नहीं दे रहे हैं।

अलीगढ़, शहर में रोडवेज के तीन बस स्टैंड हैं। रोजाना ही यहां से करीब 25 हजार यात्री सफर करते हैं, इससे विभाग को लाखों रुपये का राजस्व भी मिलता है। बात अगर यात्री सुविधाआें की करें तो सुविधा के नाम पर सिर्फ जीरो है । बस स्टैंड पर अव्यवस्थाओं का यह आलम है कि यात्रियों के अलावा खुद रोडवेज कर्मचारियों तक को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं के लिए यात्रियों को इधर-उधर भटकने को मजबूर होना पड़ता है। इसके बाद भी रोडवेज के जिम्मेदार इन अव्यवस्थाओं को दूर कराने पर जोर नहीं दे रहे

सारसौल सेटेलाइट बस स्‍टैंड

रोडवेज वर्कशाप के पास जीटी रोड के पास बनाए गए सारसौल सेटेलाइट बस स्टैंड को बने हुए तीन साल गुजर चुके हैं, लेेकिन अभी तक यहां किसी तरह की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। बस स्टैेंड की बाउंड्रीबाल व मिट्टी भराव का काम भी शुरू नहीं हो सका है। भराव के नाम पर नगर निगम ने शहर भर का कूड़ा-करकट जरुर स्टैंड परिसर में डाल दिया है। जिससे उठने वाली भीषण दुर्गंध के साथ ही बारिश के दिनों में रहने वाले जलभराव से यात्रियों को बेहद दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।गंदगी, कीचड़ होने से यहां आवारा जानवर भी घूमते रहते हैं। यात्रियों की सुविधाओं के नाम पर एक टिन शेड, महिला व पुरूष यात्रियों के लिए एक-एक शौचालय, एक हैंडपंप व पानी की टंकी स्थापित कर दी गई है। एक ही शौचालय होने से महिलाओं को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है। सर्दी, बारिश व गर्मी के दिनों में यात्रियों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रात में अंधेरा रहने से यात्रियों को हर वक्त असुरक्षा की भावना भी बनी रहती है।

मसूदाबाद बस स्‍टैंड

करोड़ों की लागत से इस बस स्टैंड का सुंदरीकरण हुआ है। कुछ दिन पहले ही शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने काे बिना किसी यात्री सुविधाओं को उपलब्ध कराए ही जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया है। फिर भी यहां यात्रियों की सुविधा के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यहां से हरिद्वार, मेरठ, बुलंदशहर, खुर्जा, बरेली, मुरादाबाद आदि स्थानों की बसों का संचालन हो रहा है।

गांधीपार्क

यहां से आगरा, हाथरस, मथुरा, एटा, फीरोजाबाद, इटावा, अतराैली, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, लखनऊ आदि स्थानों के लिए बसें संचालित होती हैं। करीब चार साल पहले ही इस बस स्टैंड का करोड़ों की लागत से सुंदरीकरण कराया गया था। यहां बसों की भरमार के चलते जीटी रोड पर पूरे दिन ही जाम लगा रहता है। रोडवेज बसों के शहर में आने से शहर की यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है। बस स्टैंड में यात्रियों की संख्या को देखते हुए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। यूरीनल व शौचालय की साफ-सफाई न होने के साथ ही दीवारों पर गुटखे की पीक के निशान यात्री सुविधाओं की कहानी खुद बयां करते हैं। पेयजल के लिए बनी टंकियां भी अधिकांश खराब पड़ी रहती हैं।

शहर के तीनों बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सारसौल सैटेलाइट बस स्टैंड का जल्द निर्माण पीपीपी माडल पर शुरू होगा। मसूदाबाद और गांधीपार्क बस स्टैंड पर सुविधाओं में और बढ़ोत्तरी की जाएगी।

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