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गर्मी और बरसात के मौसम में मच्छरजनित कई बीमारियां फैलती हैं। डेंगू भी शामिल है जिसका प्रकोप इन दिनों शहर से लेकर देहात तक दिख रहा है। पैथोलाजी लैबों में सबसे ज्यादा डेंगू से संबंधित जांच हो रही हैं।
गर्मी और बरसात के मौसम में मच्छरजनित कई बीमारियां फैलती हैं।
अलीगढ़, गर्मी और बरसात के मौसम में मच्छरजनित कई बीमारियां फैलती हैं। डेंगू भी शामिल है, जिसका प्रकोप इन दिनों शहर से लेकर देहात तक दिख रहा है। पैथोलाजी लैबों में सबसे ज्यादा डेंगू से संबंधित जांच हो रही हैं। सरकारी ही नहीं, निजी अस्पतालों में भी डेंगू व बुखार के मरीज अधिक हैं। कोरोना के बाद अब डेंगू के इलाज व जांच के नाम पर फिर लोगों की जेब खाली हो रही हैं। सरकारी तंत्र के पास भी ऐसा कोई मंत्र नहीं, जो डेंगू को तुरंत खत्म कर दें। विशेषज्ञों का कहना है कि लोग अपनी जिम्मेदारी भी समझें। मच्छर से बचाव के लिए हर उपाय करें। आसपास के एरिया को साफ-स्वच्छ रखें। पानी का जमाव न होने देंं। डेंगू भी एक वायरल बुखार है। इस बुखार को उतरने में तीन से पांच दिन या कई बार आठ से 10 दिन का समय लग जाता है। इसलिए डरें नहीं, सावधानी और धैर्य रखें।
जांच की सुविधा
- - 200 निजी लैब हैं जिले में
- - 150 निजी लैब में रेपिड किट से डेंगू जांच की सुविधा
- - 03 निजी लैबों में एलाइजा जांच की सुविधा
- - 02 लैब दीनदयाल चिकित्सालय व जिला अस्पताल में
- - 01 लैब जेएन मेडिकल कालेज में लैब एलाइजा
- निजी लैब के रेट
200 से 300 रुपये में सीबीसी
900 से 1200 रुपये में डेंगू रेपिड टेस्ट
1600- 1800 रुपये में डेंगू एलाइजा टेस्ट
100 रुपये में प्लेटलेट्स काउंट
100 रुपये में मलेरिया सामान्य जांच
100 से 250 रुपये विडाल टेस्ट टाइफाइड
पिछले पांच साल में डेंगू के केस
2017 - 26
2018 - 124
2019 -160
2020 -275
डेंगू का डंक
- - 588 डेंगू मिल चुके हैं जिले में अब तक
- - 35 से अधिक मरीजों की डेंगू-बुखार से मौत
- - 20 गुना तक बढ़ गए पांच साल में डेंगू रोगी
- - 2006 में पहला डेंगू रोगी मिला था जनपद में
सरकारी अस्पतालों में बेड व मरीज
- - 1276 बेड हैं जनपद के सरकारी अस्पतालों में
- - 580 मरीज भर्ती हैं सरकारी अस्पतालों में
- - 360 बेड हैं दीनदयाल चिकित्सालय में
- - 350 मरीज भर्ती हैं दीनदयाल चिकित्सालय में
- - 180 बेड हैं जिला अस्पताल में
- -130 मरीज भर्ती हैं जिला अस्पताल में
- - 480 बेड उपलब्ध हैं 16 सीएचसी में
- - 136 बेड उपलब्ध हैं 34 पीएचसी मे
- - घर के आसपास पानी ने इकठ्ठा न होने दें।
- - गमलों, पुराने टायर व अन्य पात्रों को पानी बदलते रहें।
- - कूलर का पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदल दें।
- - सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- - घर की खिड़कियों में जाली या स्क्रीन होनी चाहिए।
- - मच्छर भगाने वाले सुरक्षित उपाय करें।
- - पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
इनका कहना
बुखार होने पर झोलाछाप के पास बिल्कुल न जाएं। स्वयं भी पैरासिटामोल के अलावा कोई दवा न लें। पानी व अन्य तरल पदार्थों का का सेवन करें। 24 घंटे में बुखार न उतरे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जाकर जांच कराएं। दोनों जिला स्तरीय अस्पतालों में एलाइजा टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है।