वेतन मांगने पर सेवा कर दी समाप्त, धरना दिया तो मिला बहाली का आश्वासन

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RGA न्यूज़

नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि नियुक्ति के समय उन्हें नहीं बताया गया कि भर्ती तीन महीने के लिए हो रही है। धरने में शामिल आंचल अनीता पटेल शरद सिंह प्रतिमा शुक्ला ने कहा कि यदि तीन महीने तक ही काम लेना था तो सात महीने तक क्यों ड्यूटी दी गई

आउटसोर्सिंग के तहत रखे गए ये कर्मी आज जिला पंचायत कार्यालय के पास से निकालेंगे जुलूस

प्रयागराज, स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोरोना काल में ड्यूटी करने वाले 53 निर्संग स्टाफ और 45 वार्ड ब्वाय को वेतन मांगने पर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ये सभी आउट सोर्सिंग के तहत रखे गए थे। इन्हें सात माह तक ड्यूटी के बाद भी एक रुपये भी नहीं भुगतान हो सका। विवश होकर सभी कर्मियों ने गुरुवार को प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय पर धरना दिया। इससे पूर्व अस्पताल प्रशासन ने उनसे कहा कि सभी कर्मियों को मात्र तीन महीने के लिए रखा गया था

जान की परवाह किए बिना कोरोना काल में रात दिन सेवा

गुरुवार को दिन भर चले धरना के दाैरान नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि नियुक्ति के समय उन्हें नहीं बताया गया कि भर्ती मात्र तीन महीने के लिए हो रही है। धरने में शामिल आंचल, अनीता पटेल, शरद सिंह, प्रतिमा शुक्ला आदि ने कहा कि यदि तीन महीने तक ही काम लेना था तो सात महीने तक क्यों ड्यूटी दी गई। अब पूरा भुगतान किया जाए। जब लोग घरों में थे, उस कठिन समय में हम लोगों ने बिना अपनी जान की परवाह किए दिन रात ड्यूटी की। नतीजा यह कि सेवा भी समाप्त हुई और मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। कर्मियों ने दोबारा ड्यूटी पर रखने व पूरे मानदेय के लिए आवाज उठाई। इस संबंध में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एके सक्सेना ने कहा कि सभी कर्मियों को तीन माह का वेतन जल्द दिया जाएगा। जीत सिक्योरिटी एजेंसी के जरिए इनकी भर्ती की गई थी। इन्हें रखने और हटाने से अस्पताल प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है।

शाम को दिया बहाली का आश्वासन

उधर, आउटसोर्सिंग कंपनी के मैनेजर नवीन पांडेय का कहना है कि सभी को 14 अप्रैल से 31 अगस्त तक के लिए रखा गया था। इससे आगे के लिए शासन के पास बजट नहीं है तो एजेंसी क्या कर सकती है। तीन महीने का वेतन देने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि शाम को आउट सोर्स कंपनी की तरफ से आश्वासन दिया गया कि जल्द ही सभी कर्मियों को दोबारा काम पर लिया जाएगा। फिलहाल कुछ दिन इंतजार करना होगा। इसके बाद कर्मियों ने धरना समाप्त कर दिया। शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय से जुलूस निकालने का भी निर्णय लिया गया है। यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री को भी इस संबंध में पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बताएंगे।

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