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अलीगढ़ जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश पुलिस उप-निरीक्षक भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने वाले गिरोह के फरार आठ सदस्यों का पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस इनकी तलाश में गैर-जनपद में भी दभिश दे चुकी है। लेकिन कोई सफलता नहीं म
परीक्षा में सेंध लगाने वाले गिरोह के फरार आठ सदस्यों का पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है।
अलीगढ़,। उत्तर प्रदेश पुलिस उप-निरीक्षक भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने वाले गिरोह के फरार आठ सदस्यों का पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस इनकी तलाश में गैर-जनपद में भी दबिश दे चुकी है। लेकिन, कोई सफलता नहीं मिली है। वहीं पुलिस गैर-जमानती वारंट के बाद आरोपितों के खिलाफ कुर्की की तैयारी में लग गई है। इसके लिए मंगलवार को अदालत में आवेदन किया जाएगा
मेरठ की एसटीएफ को मिली सफलता
एसटीएफ की मेरठ फील्ड यूनिट की टीम ने बन्नादेवी थाना पुलिस के साथ इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने महर्षि इंटर कालेज के पास एक मकान में चल रहे सेंटर को पकड़कर सुरक्षा विहार निवासी दीपक उर्फ जीतू, मोहल्ला गायत्री नगर निवासी राजवीर सिंह व उत्तराखंड के हरिद्वार के थाना भगवानपुर के गांव कोटा मुरादनगर निवासी हिमांशू को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। हिमांशू परीक्षा कराने वाली कंपनी का सेंटर हेड भी है। आरोपितों ने कालेज में केबिल डालकर सिस्टम को हैक कर लिया था। पुलिस की जांच में आठ लोगों के नाम सामने आए हैं। वहीं गिरोह का मास्टरमाइंड योगेंद्र हैं। पुलिस ने खैर के नारायणपुर के योगेंद्र सिंह के अलावा प्रदीप, उमेश, योगी चौधरी, कुलदीप, गभाना के जमालपुर सिया निवासी भूरा उर्फ रोहित व मोहन, मथुरा के थाना बल्देव के जमुनापार नेरा निवासी बिट्टू भारती के खिलाफ गैर जमानती वारंट प्राप्त कर लिए हैं। सीओ द्वितीय मोहसिन खान ने बताया कि आरोपितों की तलाश की जा रही है। अन्य जिलों में भी टीमें दबिश दे रही हैं
मास्टरमाइंड को भाई हो चुका है गिरफ्तार
गिरोह के मास्टरमाइंड को शरण देने के मामले में पुलिस एक युवक को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। पुलिस के मुताबिक, योगेंद्र, योगेश व योगी तीनों भाई हैं। जांच में सामने आया है कि योगेश ने योगी व योगेंद्र को शरण दी थी। इस आधार पर योगेश को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।