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संजीत अपहरण-हत्याकांड में शासन ने तत्कालीन एसपी दक्षिण रहीं अपर्णा गुप्ता व अन्य पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इसके साथ आइपीएस अपर्णा गुप्ता के खिलाफ जांच आइजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह कर रही थीं। अब शासन उनके खिलाफ कार्रवाई पर फैसला लेगा
आइजी लखनऊ ने की थी जांच कर शासन को भेजी रिपोर्ट।
कानपुर, । लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण व हत्याकांड में तत्कालीन एसपी दक्षिण अपर्णा गुप्ता दोषी पाई गई हैं। लंबी चली जांच के बाद आइजी लखनऊ ने शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। अब शासन उनके खिलाफ कार्रवाई पर फैसला लेगा।
बर्रा निवासी 28 वर्षीय संजीत यादव का 26 जून, 2020 को अपहरण हो गया था, जिसकी एफआइआर पिता चमन सिंह ने बर्रा थाने में दर्ज कराई। आरोप है कि पुलिस में शिकायत के बाद जब उनसे तीस लाख रुपये की फिरौती मांगी गई तो पुलिस की मौजूदगी में अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम दिलाई गई। अपहरणकर्ता फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। 24 जुलाई, 2020 को पुलिस ने घटना का राजफाश किया तो सामने आया कि अपहरण वाले दिन ही संजीत के दोस्त कुलदीप और राम बाबू व अन्य संजीत की हत्या की और शव पांडु नदी में फेंक दिया था। हालांकि, पुलिस शव बरामद नहीं कर सकी। इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था और सीबीआइ इसकी जांच कर रही है।
शासन ने इस मामले में तत्कालीन एसपी दक्षिण रहीं अपर्णा गुप्ता व अन्य पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था, जबकि तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी का तबादला हो गया था। आइपीएस अपर्णा गुप्ता के खिलाफ जांच आइजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह कर रही थीं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने आइपीएस अपर्णा गुप्ता को दोषी माना है। अपनी जांच रिपोर्ट में आइजी ने माना है कि अपहरण के बाद घटना के पर्यवेक्षण में भारी लापरवाही बरती गई। वह पीडि़त परिवार से समन्वय नहीं बना सकीं, जिसकी वजह से पुलिस के प्रति पीडि़त परिवार ने पूरी तरह से विश्वास खो दिया। फिरौती की रकम को लेकर भी आइजी लक्ष्मी ङ्क्षसह ने अपने रिपोर्ट दी है। उनके मुताबिक अपर्णा गुप्ता ने पहले फिरौती की रकम देने से ही मना किया और बाद में नकली नोट पुल से फेंका जाना स्वीकार भी कर लिया। यह भी आपत्तिजनक था कि पुलिस की मौजूदगी में अपहरणकर्ता फिरौती की रकम वसूल कर फरार हो गए। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में यह भी है कि अपर्णा गुप्ता यह भी नहीं बता पाईं कि नकली नोट लेने कौन पुलिसकर्मी गया था। जब इस संबंध में आइपीएस अपर्णा गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन
मुरादाबाद एसपी रेलवे पद पर तैनात हैं अपर्णा, वहां भी रहा है विवाद: अपर्णा गुप्ता इस समय मुरादाबाद में एसपी रेलवे के पद पर तैनात हैं। हाल ही में शासन ने उन्हें बहाल करके यहां की जिम्मेदारी दी थी, मगर यहां भी विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। अपराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र ङ्क्षसह के नाम एक शिकायत मुख्यमंत्री से की गई थी, जिसमें अवैध वसूली का आरोप लगा था। हालांकि बाद में उन्होंने अपने आरोप वापस ले लिए और कहा कि कुछ कर्मचारियों द्वारा गलत आरोप लगाए गए, जिसके आधार पर उन्होंने शिकायत कर दी थी। मगर यह विवाद कई दिनों तक चर्चाओं में बना रहा था।