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गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ दायर वाद सत्र न्यायालय से भी खारिज
घोषणा पत्र के मुताबिक विकास कार्य न कराने के आरोप में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ 2019 में दायर वाद सत्र न्यायालय से भी खारिज हो गया। न्यायालय में निचली अदालत के आदेश को यथावत रखते हुए रिवीजन का आवेद
अलीगढ़,। घोषणा पत्र के मुताबिक विकास कार्य न कराने के आरोप में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ 2019 में दायर वाद सत्र न्यायालय से भी खारिज हो गया। न्यायालय में निचली अदालत के आदेश को यथावत रखते हुए रिवीजन का आवेदन निरस्त कर दिया।
आलमबाग निवासी खुर्शीदुर्रमान ने सीजेएम कोर्ट में दायर किया था वाद
सिविल लाइंस क्षेत्र के आलमबाग गली- एक निवासी खुर्शीदुर्रहमान ने अप्रैल, 2019 में धारा- 156 (3) के तहत सीजेएम कोर्ट में यह वाद दायर किया था। इसमें अधिवक्ता ने कहा कि 2014 में भारी बहुमत के साथ केंद्र में आई भाजपा सरकार ने घोषणा पत्र के मुताबिक विकास कार्य नहीं कराए। लोकसभा चुनाव में लुभावनी योजनाओं का घोषणा पत्र तैयार कर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नरेन्द्र मोदी समेत अन्य नेताओं के साथ रैलियां, सभाएं कर उनके साथ देश की जनता को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए उत्प्रेरित किया। घोषणा पत्र से प्रभावित होकर देश के विकास व राष्ट्रहित में भाजपा को वोट दिए और दिलवाए गए। जिससे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी।
आरटीआई के तहत मांगी गयी थी जानकारी
सरकार के पांच साल पूरे होने से पूर्व 30 जनवरी, 2019 को आरटीआइ के तहत घोषणाओं के क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई। 22 फरवरी को जवाब मिला कि सूचनाएं नेशनल पोर्टल आफ इंडिया से ली जा सकती हैं। इसके माध्यम से ज्ञात हुआ कि घोषणा के मुताबिक कार्य नहीं हुए। इससे काफी आघात लगा। वोट लेने के लिए झूठे वायदे किए गए, प्रलोभन दिया, जनता को गुमराह किया गया, जो अपराध की श्रेणी में आता है। इस संबंध में राष्ट्रपति, चुनाव आयोग, एसएसपी से भी कार्रवाई की मांग की। सुनवाई न होने पर कोर्ट का सहारा लिया है। कोर्ट से मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी। एसीजेएम दो की अदालत में प्रकरण की सुनवाई चली। अदालत ने एक अक्टूबर, 2020 को वाद खारिज कर दिया। इस आदेश के खिलाफ आवेदक ने सत्र न्यायालय में रिजीवन दाखिल किया। सत्र न्यायालय ने
ये हुई थीं घोषणाएं
खुर्शीदुर्रहमान के अनुसार 100 नए शहर बसाना, पिछड़े जिलों को विकसित करना, प्रत्येक व्यक्ति के लिए घर, बिजली, पानी, शौचालय, गांव में शहरों जैसी सुविधाएं देना, कारीगरों के विकास के लिए ऋण मुहैया कराना, व्यापक राष्ट्रीय ऊर्जा नीति का निर्माण करना, राष्ट्रीय गैस ग्रिड निर्माण करना, राष्ट्रीय वाइफाइ नेटवर्क खड़ा करना, बुलेट ट्रेनों की हीरक चतुर्भुज परियोजना शुरू करना आदि हैं।