RGA न्यूज: बीते 21 वर्ष नहीं बनी गोकुल नगरी, सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु 

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RGA न्यूज: बरेली 

बरेली शहरों को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखने के लिए कई मामलों में अदालत संज्ञान ले रही ह...

बरेली: शहरों को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखने के लिए कई मामलों में अदालत संज्ञान ले रही है। शुक्रवार को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं को लेकर तल्ख टिप्पणी की। अफसरों को सीधेतौर पर कठघरे में खड़ा किया। यहां शहर में तो 21 साल से अफसर गहरी नींद में सो रहे हैं। नगर निगम बोर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद भी डेयरियों को शिफ्ट करने की कार्रवाई अमल में नहीं आ सकीहै। सिर्फ दूध निकालने तक ही सीमित डेयरी मालिक पशुओं को सड़कों पर छोड़ रहे हैं। गोकुल नगर बसाने की योजना फ्लॉप

1995 में भाजपा के कुंवर सुभाष पटेल महापौर बने थे। उस वक्त शहर से डेयरियों को शिफ्ट करने के लिए गोकुल नगरी का प्रस्ताव बनाया गया था। गोकुल नगरी बीडीए को बनानी थी, जिसके लिए जमीन नगर निगम को देनी थी। नगर निगम ने गोकुल नगरी का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में रखा। बोर्ड से प्रस्ताव पास भी हो गया। धीरे-धीरे नगर निगम और बीडीए के अधिकारी शांत हो गए। शहर में करीब 16 सौ डेयरियां

मौजूदा समय में शहर में डेयरियों की संख्या करीब 16 सौ है। बीते कुछ वर्षो में डेयरियों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई। गोकुल नगरी बनने की घोषणा के वक्त शहर में बनी डेयरियों के स्वामियों ने बाहरी क्षेत्रों में जमीनें खरीद भी ली थी, लेकिन अधिकारियों की सुस्ती के कारण डेयरियां शिफ्ट नहीं हो पाईं। इन डेयरियों में पशुओं को सिर्फ दूध के लिए ही रखा जाता है। दूध निकालने के बाद उन्हें सड़कों पर छोड़ देते हैं। जाम और हादसे का खतरा

शहर में डेलापीर, एलन क्लब, अक्षर विहार समेत अन्य जगहों पर स्थित तालाबों में सुबह ही पशुओं को छोड़ दिया जाता है। सुबह और शाम को सारे पशु झुंड में सड़कों पर निकलते हैं। इससे जाम लगता है। पशु रास्ते पर ही लड़ना भी शुरू कर देते हैं। इससे हादसे हो रहे हैं। इतना ही नहीं सड़कें भी गोबर से गंदी हो रही हैं। सीवर और नालियां भी गोबर के कारण चोक 

 

आवारा पशुओं को पकड़ने का चला था अभियान

नगर निगम ने बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था। शुरुआत में एक दस्ता बनाकर शहर के आवारा पशुओं को पकड़ा गया। उन्हें गौशाला भेजा गया, लेकिन बाद में गौशाला में उनके चारे की भी व्यवस्था नहीं हो पाई। अधिक पशु इकट्ठे होने के कारण वहां अन्य पशुओं में बीमारी की आशंका होने लगी। कान्हा उपवन गौशाला का हो रहा निर्माण

नगर आयुक्त आरके श्रीवास्तव ने बताया कि शहर से आवारा पशुओं को हटाने के लिए परसाखेड़ा की नदोसी में कान्हा उपवन गौशाला का निर्माण हो रहा है। अगले माह तक गौशाला बनकर तैयार हो जाएगी। शहर के आवारा पशुओं को वहां रखा जाएगा। वहां आवारा कुत्तों को भी रखने के लिए बैरक बनाया गया है।

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