मुश्किल में फंसीं मशहूर डांसर सपना चौधरी, अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट से खारिज; जानिए पूरा मामला

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RGAन्यूज़

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने कहा है कि अभियुक्ता सपना चौधरी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। वह विचारण अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुईं। विचारण अदालत से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है। ऐसे में अग्रिम जमानत का उचित आधार नहीं है

मशहूर डांसर सपना चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो गई है

। डांस का कार्यक्रम रद्द करने और टिकट का पैसा भी वापस नहीं करने के एक मामले में वांछित मशहूर डांसर सपना चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो गई है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्ता सपना चौधरी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। विचारण अदालत द्वारा इस पर संज्ञान लिया जा चुका है। वह विचारण अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुईं। विचारण अदालत से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है। ऐसे में अग्रिम जमानत का उचित आधार नहीं है।

7 जुलाई, 2019 को इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ किसी व्यक्ति के विश्वास का हनन व धोखाधड़ी करने के मामले में आरोप पत्र दाखिल हुआ था। जबकि 20 जनवरी, 2019 को इस कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल हुआ था। चार सितंबर, 2021 को सपना चौधरी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज हो गई थी, लेेकिन सपना के हाजिर नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश हुआ। तब सपना की ओर से वारंट निरस्त करने की अर्जी दी गई थी। विचारण अदालत से यह अर्जी भी खारिज हो गई। अब सपना समेत सभी अभियुक्तों पर आरोप तय होना है।

यह है मामला : 13 अक्टूबर, 2018 को स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक सपना समेत अन्य कलाकारों का कार्यक्रम था। इसके लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपये में आनलाइन व आफलाइन टिकट बेचा गया था। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों टिकट धारक मौजूद थे, लेकिन रात्रि 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आईं, तो उन्होंने हगांमा कर दिया। इसके बाद टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं किया गया। 14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की नामजद एफआइआर एसआइ फिरोज खान ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी।

ष्कर्म के प्रयास में सात साल की सजा : 12 साल की लड़की से दुष्कर्म का प्रयास करने के एक मामले में पाक्सो की विशेष अदालत ने अभियुक्त रामबाबू उर्फ बबलू यादव को सात साल की सजा सुनाई है। विशेष जज अरङ्क्षवद मिश्र ने इस पर 20 हजार का जुर्माना भी ठोंका है। विशेष लोक अभियोजक अभिषेक उपाध्याय के मुताबिक 26 जून, 2013 को इस मामले की एफआइआर पीड़िता के पिता ने थाना इंटौजा में दर्ज कराई थी।

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