RGAन्यूज़
कोरोना काल में जब अपने ही पराए हो रहे थे तब शिक्षक परिवार एक दूजे का हमदर्द बना। संक्रमण से मरने वाले शिक्षकों के परिवार की आर्थिक मदद की जा सके इसके लिए प्रदेश स्तर पर टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) बनाई
कोराेना काल में शिक्षक परिवारों हमदर्द बना था 50 हजार सदस्यों वाला ये ग्रुप
बरेली,। कोरोना काल में जब अपने ही पराए हो रहे थे, तब शिक्षक परिवार एक दूजे का हमदर्द बना। संक्रमण से मरने वाले शिक्षकों के परिवार की आर्थिक मदद की जा सके, इसके लिए प्रदेश स्तर पर टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) बनाई गई। टीम के सदस्य प्रदेश स्तर पर 50 और जिले में अब तक दो शिक्षकों के परिवारों को मदद पहुंचा सके हैं
जिले के ढाई हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिका वाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम आदि प्लेटफार्मों के जरिए जुड़े हैं। टीम की हर रुपरेखा व तैयारी की हर शिक्षक को आसानी से जानकारी हो सके इसके लिए जिला स्तर पर जिला समन्वयक भी बनाया गया है। जिले में इसका जिम्मा भदपुरा ब्लाक के शिक्षक नरेंद्र प्रताप गंगवार के हाथों में है। उन्होंने बताया कि ग्रुप में जुड़े लोगों की सहायता से पूर्व एक गठित टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया जाता है और उसके दस्तावेजों को बाकायदा जांच कर नामिनी के खाते में ही सहयोग धनराशि भेजी जाती है। सहयोग के लिए सभी सदस्यों द्वारा सौ-सौ रुपये की सहायता धनराशि दान की जाती है। यह सहायता उन शिक्षकों को ही दी जाती है जो इस ग्रुप में पहले से जुड़े रहे हों।
बरेली के दो शिक्षक परिवारों को मिली मदद
कोरोना काल में कोविड के चलते जान गंवाने वाले जिले के दो शिक्षक परिवारों को इस टीम के जरिए मदद की गई। इसमें भोजीपुरा क्षेत्र निवासी दिवंगत शिक्षक हरेंद्र कुमार और फरीदपुर क्षेत्र की दिवंगत शिक्षिका मुकेश शुक्ला के स्वजन को टीम के सदस्यों की ओर से 20 लाख की सहयोग धनराशि जुटा कर दी गई है।