रहिए बचकर, आगरा में अब तक 12 डॉक्‍टर आ चुके हैं कोरोना वायरस की चपेट में

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RGAन्यूज़

एसएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरू हुई सख्ती। सर्दी जुकाम होने पर डाक्टर और कर्मचारियों की जांच। एसएन में ही डाक्टर जूनियर डाक्टर सहित 12 हो चुके हैं संक्रमित। मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टरों के संक्रमित होने से बढ़ा

आगरा में एसएन मेडिकल कॉलेज में 12 डॉक्‍टर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।

आगरा,। एसएन मेडिकल कालेज में कोरोना संक्रमण फैलने लगा है, इसकी रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। डाक्टर, जूनियर डाक्टर और कर्मचारियों को मास्क पहनने पर ही प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं, जिन डाक्टर और कर्मचारियों को सर्दी जुकाम हैं उनकी कोरोना की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही काम पर 

शुक्रवार को एसएन मेडिकल कालेज के पांच डाक्टर, पांच जूनियर डाक्टर और दो मेडिकल छात्रों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें से दोनों मेडिकल छात्र कोविड हास्पिटल में भर्ती हैं।

एसएन के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मेडिसिन विभाग की ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इसमें सर्दी जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या अधिक है। वहीं, मेडिसिन विभाग के वार्ड में सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित सबसे ज्यादा मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों के संपर्क में आने से मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष सहित पांच डाक्टर और पांच जूनियर डाक्टर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इन्हें बुखार और सर्दी जुकाम था, इसके बाद कोरोना की जांच कराई गई। कोरोना के केस बढ़ने के बाद एसएन इमरजेंसी में स्क्रीनिंग डेस्क स्थापित की गई है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। बुखार होने पर कोरोना की जांच कराई जा रही है। वहीं, इमरजेंसी में आ रहे मरीजों का एंटीजन टेस्ट कराया जा रहा है, रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही इमरजेंसी में भर्ती किया जा रहा है। कोरोना की पुष्टि होने पर मरीजों को कोविड हास्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है। इमरजेंसी, ओपीडी और वार्ड में बिना मास्क के प्रवेश पर रो

मरीजों में भी फैल सकता है संक्रमण

डाक्टर और जूनियर डाक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे। इनकी रिपोर्ट पाजिटिव आने से मरीजों में भी संक्रमण फैलने की आशंका है। यहां वार्डों में 500 से अधिक मरीज भर्ती हैं। जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं उनकी जांच कराई जा रही है, जिससे उन्हें कोविड हास्पिटल में शिफ्ट कराया जा सके।

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