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RGAन्यूज़
UP Election 2022 उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव सभी दलों के लिए अलग-अलग मायनों से बेहद महत्वपूर्ण हैं। भाजपा 2014 के लोकसभा चुनाव से प्रदेश में दौड़ रहे विजय रथ को 2022 में भी आगे बढ़ाना चाहती है
कांग्रेस ने 125, सपा-रालोद ने 29, बसपा ने घोषित किए दो प्रत्याशी।
लखनऊ। मकर संक्रांति के पुण्य पर्व यानी 14 जनवरी से विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना जारी हो जाएगी और प्रत्याशियों के नामांकन शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही यूपी के इस महासमर का मैदान सजता नजर आने लगेगा। बड़े राजनीतिक दलों में कांग्रेस ने सबसे पहले अपने पत्ते खोले हैं। 125 प्रत्याशियों की सूची जारी हो चुकी है। सपा-रालोद गठबंधन के 29 तो बसपा के दो उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी के 215 प्रत्याशियों की सूची पहले ही आ चुकी है और उम्मीद के मुताबिक सबसे आखिर में भाजपा शुक्रवार या शनिवार को अपनी पहली सूची जारी करेगी।
र प्रदेश के विधानसभा चुनाव सभी दलों के लिए अलग-अलग मायनों से बेहद महत्वपूर्ण हैं। भाजपा 2014 के लोकसभा चुनाव से प्रदेश में दौड़ रहे विजय रथ को 2022 में भी आगे बढ़ाना चाहती है। चूंकि यूपी के विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव को नेतृत्व क्षमता दिखाने का एक और मौका यह चुनाव दे रहे हैं, क्योंकि पिता मुलायम सिंंह के नेतृत्व में लड़े चुनाव में जीत मिलने पर अखिलेश को मुख्यमंत्री की कुर्सी 2012 में मिली थी। उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन का उनका प्रयोग विफल रहा। इस दफा रालोद, सुभासपा, प्रसपा सहित अन्य छोटे दलों के साथ वह फिर मैदान
वहीं, तीन दशक से प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस लगातार सिमटती गई है। पहली बार बतौर प्रभारी पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव अभियान की कमान संभाले हुए हैं। कांग्रेस के अस्तित्व की इस लड़ाई में गांधी परिवार की साख भी फंसी है, क्योंकि इससे पहले 2019 में खुद राहुल गांधी अमेटी की पारंपरिक लोकसभा सीट हार चुके हैं। बसपा के सामने भी अस्तित्व बचाने की चुनौती मंडरा रही है। लगातार पार्टी का संगठन कमजोर होता नजर आ रहा है। कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं या निकाल दिए गए हैं। ऐसे में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को बसपा को फिर आक्सीजन देने के लिए एक अदद जीत की दरकार है।
इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए ही सभी दलों ने इस बार टिकट तय करने में काफी गहन मंथन किया है। जातीय-क्षेत्रीय समीकरणों को अच्छे से साधने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस के 125 प्रत्याशियों की सूची प्रियंका गांधी वाड्रा ने जारी कर दी है। सपा-रालोद गठबंधन के 29 प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटें हैं, जिसमें 19 सीटें रालोद और दस सपा के कोटे की हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से 215 प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। वहीं, सत्ताधारी भाजपा की तीन दिन तक दिल्ली में बैठक प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए ही चली। नामों पर सहमति बन चुकी है। लगभग सभी नेता लखनऊ लौट आए हैं। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंंह के मुताबिक, मकर संक्रांति से प्रत्याशियों की घोषणा शुरू कर दी जाएगी। चूंकि, संक्रांति का पर्व मुहूर्त के अनुसार शुक्रवार और शनिवार, दोनों ही दिन पड़ रहा है, इसलिए माना जा रहा है कि सूची इनमें से किसी भी दिन आ सकती है।
बसपा ने गंगोह से नोमान, चथावल से सलमान को बनाया उम्मीदवार : बसपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने दो प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी मुखिया मायावती ने गुरुवार को ट्विट कर इसकी जानकारी दी। सहारनपुर जिले की गंगोह विधानसभा सीट से नोमान मसूद को टिकट दिया गया है। नोमान लोकदल छोड़कर बसपा में शामिल हुए हैं। यह इमरान मसूद के जुड़वा भाई हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद के भतीजे हैं। उधर, मुजफ्फरनगर की चरथावल सीट से सलमान सईद को उम्मीदवार बनाया गया है। इन्होंने बीते बुधवार को मायावती से मुलाकात की थी। कांग्रेस छोड़कर बसपा में आए सलमान के पिता सईदुज्जमां प्रदेश के गृहमंत्री रह चुके हैं।