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डेबिट कार्ड बंद करवाने के चक्कर में आपके खाते से जहां धन राशि खिसक जाएगी वहीं आपको आरोपितों तक पहुंचने लिए बेबसी का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसा ही एक मामला तरनतारन के गांव अल्लोवाल में सामने आया
तरनतारन की वरिंदर कौर गिल के बैंक खाते से शरारती लोगों ने दस लाख की राशि उड़ा दी। सांकेतिक चित्र
। अगर अप्लाई किए बिना आप को डेबिट कार्ड जारी होता है तो जरा होशियार रहिए। डेबिट कार्ड बंद करवाने के चक्कर में आपके खाते से जहां धन राशि खिसक जाएगी, वहीं आपको आरोपितों तक पहुंचने लिए बेबसी का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसा ही एक मामला तरनतारन के गांव अल्लोवाल में सामने आया है। यहां की वरिंदर कौर गिल के बैंक खाते से शरारती लोगों ने दस लाख की राशि उड़ा दी। पुलिस ने केस दर्ज करके तफ्तीश शुरू कर दी है लेकिन आरोपितों तक अभी पुलिस नहीं पहुंच पा रही
थाना वैरोवाल के गांव अल्लोवाल की वरिंदर कौर गिल ने बताया कि वह ग्रेजुएशन के दौरान कनाडा जाने लिए फाइल लगवा बैठी। बैंक खाते में मनी शो करने लिए उसने रिश्तेदारों से धन राशि ली। कुल मिलाकर 14 लाख रुपये इंडसइंड बैंक के खाते में जमा करवाए। इतने में उसके पोस्टल एड्रेस पर डेबिट कार्ड पहुंच गया, जो उसने अप्लाई ही नहीं किया था। वरिंदर ने बताया कि खाता नंबर 100150604278 के माध्यम से जारी हुए डेबिट कार्ड को बंद करवाने के लिए बैंक से राबता किया। इतने में जारी हुए डेबिट कार्ड के बदले में 8850 रुपये की राशि काट ली गई। वरिंदर ने बताया कि मोबाइल पर फोन काल आई। जिस दौरान उसे एक लिंक सेंड किया गया। लिंक ओपन होते ही उसके खाते से 10 लाख की राशि निकल
कस्टमर केयर अधिकारियों को शिकायत करके बैंक खाता तुरंत सीज करवाया, जिस कारण चार लाख की राशि बच गई। वरिंदर कौर ने इस बाबत 28 दिसंबर को एसएसपी को लिखित शिकायत दी। साइबर क्राइम सेल की ओर से जांच करवाई गई तो पता चला कि छाथा कुमार पुत्र बंदे गोवड़े वार्ड नंबर 22 नजदीक कृषि देशवाड़ा मंदल संदोड़ जिला बलेड़ी कर्नाटक, लक्की चौधरी पुत्र राजवीर चौधरी निवासी सफी रफी चांदीपुर जिला बिजनौर (उत्तर प्रदेश) के खाते में यह राशि ट्रांसफर हुई है। डीएसपी बरजिंदर सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को वरिंदर कौर गिल के बयान लेकर पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया
आरोपितों को किया जाए गिरफ्तार
वरिंदर कौर गिल ने कहा है कि पुलिस ने भले ही जांच तेजी से करते हुए आरोपितों को ट्रेस करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। परंतु जितनी देर तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती, उतनी देर तक राशि बरामद होना संभव नहीं। उसने मांग की है कि संबंधित राज्यों की पुलिस से राबता बनाकर आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए। डीएसपी बरजिंदर सिंह का कहना है कि थाना वैरोवाल के एएसआइ बिक्कर सिंह की ड्यूटी लगाई गई है कि आरोपितों की गिरफ्तारी लिए आगे की कार्रवाई की जाए।