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बरेली:- मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन चल रहा है विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं शिवसेना ने इसमें अहम भूमिका निभाई है यह भी सत्य है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या का विवादित ढ़ांचा शिवसेना ने ही हिंदू हृदय सम्राट माननीय बाबा साहेब ठाकुर के आदेश से गिरा दिया था और उन्होंने पत्रकारों के समक्ष इसके लिए अपने शिव सैनिकों के लिए बधाई दी थी जबकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल आदि सभी ने ढांचा गिराने से इनकार किया था मंदिर निर्माण के लिए आरएस एस ने लगभग 20 हजार करोड़ रुपए इकट्ठे किये वह रूपये कहां है यह बे ही जाने किंतु मंदिर निर्माण के नाम पर चार ईट कहीं नहीं लगी भाजपा ने मंदिर मुद्दे पर पूरा दोहन दिया आज केंद्र में और प्रदेशों में जो उनकी सरकारें हैं वह श्री राम की कृपा से ही हैं फिर भी वह मंदिर निर्माण के लिए जो सार्थक प्रयास करने चाहिए वह नहीं कर रही है ऐसे में 2019 का चुनाव भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है यदि लोकसभा चुनाव में पूर्व भाजपा ने मंदिर निर्माण प्रारंभ नहीं कराया तो 2019 में नरेंद्र मोदी का पुनः प्रधानमंत्री बन्ना संभव नहीं होगा श्री राम के प्रकोप के कारण उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिलेगी जिसकी वह आशा करते हैं उक्त विचार उत्तर प्रदेश के प्रदेश सचिव कुमार आनंद और प्रदेश प्रमुख लोकतंत्र रक्षक सेनानी ओम प्रकाश आर्य ने प्रकट किए।