Video : 67 लाख देने के बाद भी नहीं मिला टिकट, मुजफ्फरनगर थाने में फूट-फूटकर रोए बसपा नेता अरशद राणा

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RGAन्यूज़

UP Chunav 2022 मुजफ्फरनगर में सलमान सईद को बनाया गया बसपा प्रत्‍याशी मचा घमासान। पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राईन पर लाखों रुपये लेने का आरोप लगाया गया। चरथावल विधानसभा प्रभारी अरशद राणा बोले कर लूंगा आत्‍मदाह। पुलिस इस मामले में कार्रवाई 

UP Chunav 2022 मुजफ्फरनगर में बसपा में टिकट की बिक्री का मामला पहुं

मुजफ्फरनगर, । UP Chunav 2022 यूपी विधानसभा चुनावों में अब टिकटों को लेकर घमासान का दौर जारी हो गया है। मुजफ्फरनगर जिले की चरथावल सीट से टिकट कटने पर बसपा नेता अरशद राणा का दर्द यहां शहर कोतवाली में फूट पड़ा। पुलिस के सामने उन्होंने फूट-फूटकर रोते हुए आरोप लगाया कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को दो वर्ष पहले टिकट के लिए 67 लाख रुपए दिए थे, लेकिन उनका टिकट काट दिया गया। उनके रुपये भी वापस नहीं किए गए। अरशद राणा ने चेतावनी दी कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह आत्मदाह करेंगे। अरशद राणा ने बसपा के एक पदाधिकारी के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रही है।

बसपा में काफी समय से सक्रिय

चरथावल विधानसभा क्षेत्र के गांव दधेड़ू निवासी अरशद राणा काफी समय से बसपा में सक्रिय हैं। उनकी पत्नी ने बसपा के सिंबल पर जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव भी लड़ा था। वह खुद भी बसपा से चरथावल सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। एक दिन पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चरथावल विधानसभा सीट से पार्टी ने सलमान सईद को प्रत्याशी बनाया है

पहले फेसबुक पर फूटा अरशद का गुबार

सलमान सईद को चरथावल से बसपा का टिकट दिए जाने की घोषणा से आहत अरशद राणा ने पहले फेसबुक पर अपनी व्यथा लिखी। इसमें उन्होंने टिकट न मिलने से आहत होने की बात कहते बसपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। साथ ही आत्मदाह करने तक की धमकी तक दी। व्यथित अरशद राणा गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ शहर कोतवाली जा पहुंचे। शहर कोतवाली में उन्होंने तहरीर देकर आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ बसपा नेता चरथावल सीट से पार्टी का टिकट दिलाने के एवज में उनसे 67 लाख रुपए लिए थे। अरशद राणा ने बसपा नेता से 67 लाख रुपए वापस दिलाने और उन पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने उनका तमाशा बना दिया। बंद कमरे मे बैठकर उन्हें विश्वास में लेकर टिकट दूसरे को दे देते तो उन्हें इतनी तकलीफ न होती।

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