

RGAन्यूज़
बाल रोग विशेषज्ञ डा. सुप्रिया रंधावा ने कहा कि सर्दियों में बच्चों की देखभाल सावधानी के साथ करनी चाहिए।बच्चों को ठंड में अधिक कपड़े न पहनाएं। उनके लिए सर्दी-गर्मी संभालना मुश्किल हो जाता है। उन्हें टोपी गर्म जुराबें और दस्ताने पहनाकर रखें।
बच्चे का चेकअप करती हुईं डाक्टर सुप्रिया रंधावा।
संस, तरनतारन। ठंड के मौसम में छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया बहुत तेजी से बच्चों पर हमला करते हैं। इस कारण बच्चों को ठंड में जुकाम, बुखार, नाक बंद, सांस लेने में दिक्कत, गले की इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो
साथ ही, सुबह और शाम ठंडी और रूखी हवा के कारण तापमान काफी घट जाता है जबकि दिन में धूप निकलने के कारण तापमान बढ़ जाता है। मौसम का ये बदलाव बच्चों के लिए काफी अहम हो जाता है। उनका शरीर इसे संभालने के लिए पूरी तरह विकसित नहीं होता है। ऐसे में तापमान में बदलाव के कारण छोटे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो उन्हें इन रोगों के हमले से बचाया जा सकता
बाल रोग विशेषज्ञ डा. सुप्रिया रंधावा ने कहा कि सर्दियों में बच्चों की देखभाल सावधानी के साथ करनी चाहिए।बच्चों को ठंड में अधिक कपड़े न पहनाएं। उनके लिए सर्दी-गर्मी संभालना मुश्किल हो जाता है। असल में बच्चे सिर, पैर और हाथों के माध्यम से ज्यादा ठंड की लपेट में आते हैं, इसलिए उन्हें टोपी, गर्म जुराबें और दस्ताने पहनाकर रखें।
- बच्चे को सुलाने से पहले उसका बिस्तरा गर्म करें, कमरे में आयल हीटर का इस्तेमाल करें।
- बच्चे को रोजाना दोपहर समय 15 से 20 मिनट धूप में लेकर जाएं।
- छोटे बच्चों की रोजाना गुनगुने पानी से स्पांजिंग की जाए।
- सर्दी, जुकाम होने पर बच्चे को स्टीम दी जाए। बीमार होने पर देसी नुस्खों का इस्तेमाल न करें और तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर से चेकअप करवाएं।
- ठंडी चीजें खाने को न दें : अगर आपका बच्चा सात माह से अधिक का है और वह खाना खाता है, तो उसे ठंडी चीजें न खिलाएं। साथ ही उसे बासी खाना या ठंडा खाना भी न दें।