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UP Assembly Election 2022 राष्ट्रपति से लेकर जिला पंचायत तक का चुनाव लड़ने वाले हसनूराम ने किया विधायकी के लिए नामांकन। पत्नी को भी उतार चुके हैं चुनावी मैदान में। चुनाव लड़ने का रिकार्ड बनाना चाहते हैं हसनूराम
कलेक्ट्रेट में 95 वां चुनाव का नामांकन पत्र दाखिल करने जाते निर्दलीय प्रत्याशी हसनूराम।
आगरा, । 76 वर्षीय हसनूराम आंबेडकरी अपने 95वें चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खेरागढ़ क्षेत्र से नामांकन करने कलेक्ट्रेट पहुंचे। वह लगातार चुनाव हारने का रिकार्ड अपने नाम करना चाहते हैं इसलिए हर चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में शामिल होते
चुनाव लड़ने का गजब जज्बा रखने वाले हसनूराम आंबेडकरी आगरा तहसील में अमीन पद पर कार्यरत थे। 1984-85 के दौर में उनके मन में चुनाव लड़ने की इच्छा हुइ। इसके चलते उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा लेकिन उन्हें ये कहकर मना कर दिया गया कि तुम्हें तो तुम्हारी पत्नी भी वोट नहीं देंगी। हस्नू राम बताते हैं कि बस वो दिन था और आज का दिन है। वोट मिले या न मिले हर बार चुनाव जरूर लड़ता हूं। हसनूराम ने चुनाव लड़ने के जुनून के कारण अपनी नौकरी से भी त्यागपत्र दे दिया। जिला पंचायत के चुनाव में भी उन्होंने खुद भी चुनाव लड़ा और अपनी पत्नी को भी लड़वाया था।
राष्ट्रपति से लेकर जिला पंचायत तक के चुनाव में खड़े हुए
हसनूराम अंबेडकरी अब तक 93 बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह वर्ष 1984 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव को शौक के लिए लड़ने वाले अंबेडकरी ने 1988 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया था। इसके बाद भी वे नहीं रुके। तब से लेकर अब तक वे लोकसभा, विधानसभा, मेयर, एमएलसी और जिला पंचायत के चुनाव हर बार लड़ते रहे। 2020 में हुए एमएलसी चुनाव में तो उन्होंने शिक्षक और स्नातक दोनों सीट से चुनाव लड़ा था। हर चुनाव में भले ही उनकी जमानत जब्त हो जाती हो, लेकिन वह जोर आजमाइश जरूर करते हैं। वह आगरा, फिरोजाबाद, फतेहपुरसीकरी से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं। खेरागढ़, दयालबाग, फतेहपुरसीकरी से विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं। नगर निगम के वार्ड सदस्य और पंचायत के भी चुनाव लड़ चुके हैं।