चंडीगढ़ नगर निगम 6 करोड़ की राशि खर्च कर डड्डूमाजरा प्लांट को करेगा अपग्रेड, बैठक में आएगा प्रस्ताव

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RGAन्यूज़

चंडीगढ़ नगर निगम के अनुसार इस राशि से आठ एकड़ भूमि से 7.66 लाख मीट्रिक टन कचरा हटाया जाएगा।जबकि इस समय पहले से 34 करोड़ रुपये की लागत एक कचरे के पहाड़ को प्रोसेस किया जा रहा है

सदन की बैठक में डड्डूमाजरा के गारबेज प्लांट की मशीनरी बदलने का प्रस्ताव आएगा।

 चंडीगढ़। नगर निगम की इस साल पहली होने वाली सदन की बैठक में डड्डूमाजरा के गारबेज प्लांट की मशीनरी बदलने का प्रस्ताव चर्चा के लिए आएगा। जिसका नगर निगम ने 6 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। सदन की बैठक में चुनाव जीतने वाले 35 पार्षद पहली बार चर्चा में शामिल होंगे और गारबेज प्लांट शहर का एक अहम मामला है। ऐसे में पार्षद पूरी तैयारी के साथ आएंगे वहीं दूसरी ओर डड्डूमाजरा में बने कचरे के दूसरे पहाड़ को खत्म करने के लिए नगर निगम ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इसके लिए केंद्र सरकार से 76 करोड़ रुपये की राशि मांगी गई 

नगर निगम के अनुसार इस राशि से आठ एकड़ भूमि से 7.66 लाख मीट्रिक टन कचरा हटाया जाएगा।जबकि इस समय पहले से 34 करोड़ रुपये की लागत एक कचरे के पहाड़ को प्रोसेस किया जा रहा है। नगर निगम के अनुसार कचरा निस्तारण प्लांट में सूखा कचरा पूरी तरह निस्तारित न होने से उसे डंपिंग ग्राउंड में भेजा जा रहा है। शहर में प्रतिदिन 500 टन कचरा निकलता है जिसमे से प्लांट की खस्ता हालत होने के कारण सिर्फ 100 टन कचरा ही प्रोसेस किया जा रहा है। बाकी कचरा डंपिंग ग्राउंड में सीधा जा रहा है

नगर निगम कमिश्नर आनिंदिता मित्रा ने इसकी जानकारी नवनियुक्त पार्षदों को भी दी है। उनका कहना है कि पांच लाख मीट्रिक टन कचरे को निस्तारित करने के लिए अभी स्मार्ट सिटी प्रति टन 574 रुपये के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी अलग से दे रहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाकर अनुमान निकाला गया, जिसमें पता चला कि 7.66 लाख मीट्रिक टन कचरा हटाने के लिए लगभग 76 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार सभी शहरों को ग्रांट दे रही है। इसमें कचरे को शत-प्रतिशत खत्म करने के लिए पूरी राशि केंद्र से मिलनी

एनजीटी के आदेश को आधार बनाकर नगर निगम ने जून 2020 में जेपी प्लांट को अपने कब्जे में ले लिया था। उसके बाद निगम ने दावा किया था कि कचरे का निस्तारण कर देंगे, मगर मशीनों की क्षमता कम होने के कारण निगम 500 टन में से मात्र 40 प्रतिशत कचरा ही निस्तारित कर सका। इस समय गारबेज प्लांट नगर निगम खुद ही चला रहा है।जबकि एक साल पहले तक यह प्लांट जेपी कंपनी चलाती थी।

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