जब लता मंगेशकर को देखकर भूल गए थे कंपाेजिशन, जब सुर साम्राज्ञी ने कही थी ये बड़ी बात

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RGAन्यूज़

Lata Mangeshkar Death news आगरा के राममोहन दुबे ने फिल्म इंडस्ट्री मे डेढ़ दशक तक किया है काम। वरिष्ठ कवि सोम ठाकुर का लिखा गीत गाया सतीश गुप्ता ने रिकार्ड किए गाने। लता जी वृंदावन आया करती थीं तब वह आगरा में रुका

Lata Mangeshkar Death news: लता मंगेशकर के साथ आगरा के राममोहन दुबे।

आगरा,। लता मंगेशकर उस समय बहुत बड़ी कलाकार थीं। म्यूजिक डायरेक्टर रोशन कुमार मेहरोत्रा ने मुझे लता जी के पास गाने की कंपोजिशन बताने के लिए भेजा था। उनसे मिला तो मैं नर्वस हो गया और गाने की कंपोजिशन ही भूल गया। मेरे गले से आवाज तक नहीं निकल रही थी। तब लता जी ने मुझसे कहा कि आप घबराए नहीं। आप मेरे गुरु की तरह हैं। मैं कंपोजर नहीं हूं, जैसा आप बताएंगे, मैं वैसे ही गाऊंगी

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर से जुड़ा यह संस्मरण नामनेर निवासी राम मोहन दुबे ने "दैनिक जागरण' से साझा किया। उन्होंने बताया कि यह गीत वर्ष 1960 में रिलीज हुई फिल्म "बरात' का गाना "आजा रे तेरा एक सहारा, कोई यह न कहे मेरा कोई नहीं...' था। दुबे ने करीब डेढ़ दशक तक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में म्यूजिशियन के रूप में काम किया। बाद में दूरदर्शन में नौकरी लगने पर उन्होंने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया था। उन्होंने फिल्म "बरसात की रात' में म्यूजिशियन के रूप में काम किया तो फिल्म "पाकीजा' में बैकग्राउंड म्यूजिक दिया। वर्ष 1996 में दूरदर्शन से म्यूजिक कंपोजर के पद से सेवानिवृत्त हुए राममोहन दुबे ने बताया कि उनकी स्मृति में आगरा में लता मंगेशकर का कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। लता जी वृंदावन आया करती थीं, तब वह आगरा में रुका करती थीं। वर्ष 1960 से पूर्व वह सेंट जोंस चौराहा से घटिया आजम खां की तरफ जाने वाले मार्ग पर स्थित अपने एक परिचित आशु दा राम के यहां रुकती थीं। बाद में उन्होंने यहां आना बंद कर दिया था।

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