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एटा के सीमेंट कारोबारी संदीप गुप्ता की हत्या करने वाले दो आरोपित शूटरों को पुलिस ने भरतपुर से अरेस्ट कर लिया है। इन शूटरों पर एसएसपी ने इनाम घोषित कर दिया था। साथ ही काफी दिनों से पुलिस को
विनोद जाट गिरोह के अपराधियों का नाटकीय ढंग से पकड़े जाने का तरीका पुराना है
अलीगढ़,। संदीप हत्याकांड में पकड़े गए दोनों शूटर कुख्यात विनोद जाट, विनोद पथैना के गिरोह से जुड़े हुए हैं। इनमें जितेंद्र उर्फ कंजा झांसी के सराफा कारोबारियों के अपहरण में विनोद जाट के साथ जेल भी गया था। प्रवीण बजौता की दोस्ती विनोद से है। ऐसे में जितेंद्र व प्रवीण की भी दोस्ती हो गई थी। हत्या के बाद फरारी काटने के दौरान भी विनोद जाट के गिरोह से ही दोनों को मदद मि
संदीप हत्याकांड के शूटरों का विनोद जाट गिरोह से संबंध
हाथरस के मुरसान के गांव महानोमी निवासी बर्खास्त सिपाही विनोद जाट व उसका गिरोह चर्चाओं में तब आया था, जब इन्होंने 13 जुलाई 2017 को झांसी के दो बड़े सराफा कारोबारियों राजेंद्र व राहुल अग्रवाल का अपहरण किया था और 30 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। 24 जुलाई को एसटीएफ लखनऊ ने आगरा के सिकंदरा में मुठभेड़ के बाद एक अपार्टमेंट से दोनों सराफा व्यवसायियों को सुरक्षित बरामद कर लिया था, लेकिन गिरोह का कोई सदस्य हत्थे नहीं चढ़ा था। इस घटना को हाथरस के मुरसान के महामोनी निवासी विनोद जाट, बिसावर निवासी जितेंद्र उर्फ कंजा व सहपऊ के मढ़ाका निवासी लोकेंद्र ने अपने साथियों के साथ अंजाम दिया था। विनोद, कंजा पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था। 25 नवंबर 2017 को विनोद जाट हाथरस में गिरफ्तार हुआ। 11 दिसंबर 2017 को दिल्ली में रोहिणी के सेक्टर-21 से जितेंद्र कंजा को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। तभी विनोद जाट व जितेंद्र कंजा जेल गए थे। हालांकि विनोद जाट ने जेल से बाहर आकर 16 जून 2020 को इगलास के स्टील कारोबारी सुरेंद्र कुमार जिंदल का अपहरण किया था। इसी मामले में विनोद जाट व उसका साथी विनोद पथैना गिरफ्तार हुए। विनोद पथैना से टप्पल के प्रवीण बजौता की अच्छी दोस्ती थी। इगलास के अपहरण के बाद पथैना को प्रवीण ने ही पनाह दी थी। ऐसे में जब प्रवीण फरार हुआ तो पथैना के साथियों ने ही उसे राजस्थान के पुष्कर, अलवर, भरतपुर व आसपास के क्षेत्र में छिपने
अपराधियों का नाटकीय ढंग से पकड़े जाने का तरीका पुराना
विनोद जाट गिरोह के अपराधियों का नाटकीय ढंग से पकड़े जाने का तरीका पुराना है। आरोपित घटना के बाद या तो सरेंडर कर देते हैं या फिर किसी दूसरे जिले की पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं। इगलास में कारोबारी के अपहरण के मामले में विनोद जाट ने आगरा में सरेंडर किया था। वहीं कंजा भी इससे पहले झांसी के अपहरण के बाद यूपी में एनकाउंटर के डर से दिल्ली के रोहिणी में पकड़ा गया था। इस बार भी वही हुआ। दोनों अपराधियों के बारे में अलीगढ़ पुलिस को पुख्ता सुराग मिला था। आरोपित एनकाउंटर के डर से भाग रहे थे। तभी नाटकीय ढंग से तमंचे व पिस्टल के साथ भरतपुर में पकड़े गए। राजस्थान पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपित एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। तभी दोनों को दबोच लिया।