RGAन्यूज़
सीजेएम कोर्ट ने 13 वर्ष बाद सम्मन जारी किया है। 2021 में भी तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। जांच ठीक से नहीं की गई है। इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआइ को करने का
फर्रुखाबाद सब्सिडी स्कैम मामले की जांच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआइ को सुपुर्द कर दी है।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फतेहगढ़, फर्रुखाबाद में 1200 करोड रुपये खाद पर 48 लाख, 18 हजार 243.04 रुपये की सब्सिडी घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। साथ ही कोर्ट ने सीबीआइ को 21 मार्च को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याची का कहना है कि मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने बड़ी मछलियों को छोड़कर याची को बलि का बकरा बनाया है। घोटाले में लिप्त बड़े सरकारी अधिकारियों व स्कैम करने वाली कंपनी मदन माधव फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स को बरी कर दिया और 20 नामजद आरोपियों में से केवल पाच के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। घोटाला वर्ष 1989 से 2000 का है। याची ने स्वयं को निर्दोष करार देते हुए जारी सम्मन व चार्जशीट रद्द करने की मांग की गई
यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने अविनाश कुमार मोदी की याचिका पर दिया
फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ का है मामला
याची पर आरोप है कि मेसर्स उज्जवल ट्रेडिंग कंपनी ने मेसर्स मदन माधव फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स कंपनी फर्रुखाबाद को 1200 करोड़ की खाद आपूर्ति की। साथ ही किसानों को खाद नहीं दी गई तथा मदन माधव फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स कंपनी ने सरकार से 4818243.04 रुपये की सब्सिडी हड़प ली। सरकारी खजाने को भारी नुक़सान पहुंचाया। आर्थिक अपराध शाखा के उपनिरीक्षक ने कोतवाली फतेहगढ़ में 10 सितंबर 2004 को एफआइआर दर्ज क
सीजेएम कोर्ट ने 13 वर्ष बाद जारी किया सम्मन
याची का कहना है कि उज्जवल ट्रेडिंग कंपनी पहले ही घाटे के कारण बंद हो गई। उसके चाचा चार्टर्ड अकाउंटेंट है। पेपर पर कंपनी चालू रखी। जिस कंपनी मदन माधव फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स ने सब्सिडी हड़पी ,जाच अधिकारी ने बरी कर दिया। आधे दर्जन अधिकारियों से पूछताछ तक नहीं की गई। याची व अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। सीजेएम कोर्ट ने 13 वर्ष बाद सम्मन जारी किया है। 2021 में भी तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। जांच ठीक से नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआइ को करने का निर्देश दिया है।