![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/23_02_2022-karhal_22492096.jpg)
RGAन्यूज़
UP Vidhan Sabha Election 2022 करहल में इस बार छह फीसद से अधिक मतदाताओं ने डाले है वोट। इस सीट पर वर्ष 2017 में 59.13 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले थे। भोगांव में तीन सदर में 1.5 किशनी सीट पर 2.90 फीसद ज्यादा मत
Mainpuri UP Election 2022: तीसरे चरण में हुआ था मैनपुरी में मतदान।
आगरा,। इस बार के चुनावी नतीजे चौंका भी सकते हैं। जिले की चारों विधानसभा सीटों पर बढ़ा मतदान इसकी ओर इशारा भी कर रहा है। इस बार चारों विधानसभा क्षेत्रों में 63.23 फीसद मत पड़े हैं। करहल और किशनी में मतदान फीसद बढ़ा है तो भोगांव और मैनपुरी सदर ने भी बाजी मारी है। राजनीति के जानकार इस बार के चुनावी नतीजों को अभी से चौंकाने वाला बताकर बीते चुनाव के आंकड़ों को रखकर बात को बल भी दे रहे हैं।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो मैनपुरी सदर सीट पर 60.27 फीसद मतदान हुआ था, जबकि भोगांव सीट पर 59.13, किशनी सीट पर 60.13 और करहल सीट पर 59.17 फीसद मतदान हुआ था। जिले के मतदान का औसत 59.67 फीसद रहा रहा था। अब 2022 के विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो पूरे जिले के औसत में 4.04 फीसद की वृद्घि वोटिंग में हुई है। इस बार के चुनावों में चारों सीटों पर मतदाताओं का उत्साह दिखा। करहल का मतदाता तो सबसे आगे रहा, जबकि मैनपुरी सदर के मतदाताओं ने भी बीते बीते चुनाव से आगे जाकर इस काम को किया। मैनपुरी सदर विधानसभा सीट पर इस बार मतदान पांच साल बाद 1.51 फीसद ज्यादा हुआ है। यहां से भाजपा के जयवीर सिंह और सपा के राजकुमार यादव के बीच जोरदार मुका
वहीं, भोगांव सीट पर बीते चुनाव के मुकाबले इस बार करीब तीन फीसद अधिक मतदाताओं ने वोट डालने का काम किया है। किशनी सीट पर भी इस बार करीब 2.90 फीसद मतदान बीते विधानसभा चुनाव के मुकाबले अधिक हुआ है। यहा पांच साल पहले 60.13 फीसद मतदान हुआ था, जबकि इस बार 63.01 फीसद मतदान हुआ है। करहल सीट पर मतदाताओं ने जिले में सबसे आगे रहकर करीब छह फीसद से अधिक मतदान किया। इस सीट पर वर्ष 2017 में 59.13 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले थे। यहीं बढ़ा मतदान फीसद सपा और भाजपा के गणितकारों को परेशान कर रहा है। इस बार मतदाता की कुछ अधिक सक्रियता को लाभ किसे मिलेगा,यह तो आने वाले समय में ही पता चल सकेगा।