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विभाग को अगर लगता है कि किसी ने 50 लाख या उससे अधिक की संपत्ति छिपाई है तो वह पिछले 10 वर्षों का रिकार्ड खंगाल सकती है। रकम सामने आने पर आयकर विभाग करेगा कार्रवाई और जुर्माना भी वसूलेगा। बजट में यह प्रस्ताव है एक अप्रैल से होगा लागू।
रिटर्न फाइल कर आयकर जमा करने वाले व्यापारियों के लिए टैक्स के नियम में बदलाव किया गया है।
प्रयागराज, यह खबर रिटर्न फाइल कर आयकर जमा करने वाले व्यापारियों के लिए है। ऐसे व्यापारियों के लिए विभाग की ओर से टैक्स के नियम में बदलाव किया गया है। विभाग को अगर लगता है कि किसी की ओर से 50 लाख या उससे अधिक की संपत्ति छिपाई गई है तो वह पिछले 10 वर्षों का रिकार्ड खंगाल सकती है। पहले यह नियम चार वर्षों का ही था, जिसको इस बार के बजट में बदलकर 10 वर्षों के लिए कर दिया गया है। विभाग की ओर से पिछले 10 वर्षों में जांच के दौरान अघोषित आय मिलने पर टैक्स, ब्याज व अर्थदंड भी लगाया जा सकता
दोबारा कर निर्धारण की कार्रवाई की समय सीमा बढ़ेगी
नया नियम एक अप्रैल 2022 से लागू होगा। अब आयकर की धारा 148, 148ए, 148बी तथा धारा 149 के तहत अघोषित आमदनी मिलने पर संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं। दोबारा कर निर्धारण कार्यवाही की समय सीमा बढ़ाई जा रही है। इसके बाद कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से तीन वर्षों में अघोषित आमदनी मिलने पर धारा 148 के प्रावधानों के तहत अधिकारी दोबारा नोटिस जारी कर सकते हैं। अघोषित आमदनी 50 लाख या अधिक हुई तो कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से 10 वर्ष के अंदर दोबारा कर निर्धारण किया जा सकेगा। टैक्स, ब्याज, अर्थदंड भी लगाया जाएगा। यह अघोषित राशि किसी संपत्ति के अघोषित होने पर भी हो सकती है। इसके साथ ही यदि कारोबारी के बहीखातों में ऐसी प्रविष्टियां हैं जिनसे आयकर नियमों में आमदनी मानी जा रही है,
विदेशों में संपत्ति व आय की 16 वर्ष का रिकार्ड खंगालेगी
अगर किसी की ओर से अगर विदेशों किसी आय को छिपाया जाता है और विभाग को बाद में इसकी जानकारी होती है। तो विभाग की ओर से 16 वर्षों तक का रिकार्ड खंगाला जा सकता है। वहीं गड़बड़ी मिलने की दशा में जुर्माना वसूलने के साथ कार्रवाई भी हो सकती है।
बाेले, टैक्स सलाहकार
टैक्स सलाहकार डाक्टर पवन जायसवाल कहते हैं कि विभाग की ओर से नया नियम को लेकर तैयारियां की जा रही है। व्यापारियों को भी विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। ऐसे में अगर 10 वर्षों में भी कोई अघोषित संपत्ति मिलती है, तो विभाग कार्रवाई करेगा।