RGA न्यूज: राष्ट्रपति कोविद ने बनारस में करोड़ों की सौगात दी

RGA न्यूज बनारस 

वाराणसी । राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार वाराणसी यात्रा पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यहां का विकास देखने के बाद काफी प्रसन्न दिखे।  बाद में राष्ट्रपति ने वाराणसी के विकास की बेमिसाल तुलना की। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बतौर राष्ट्रपति बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी में मेरी पहली यात्रा है। मेरे लिए यह अविस्मरणीय अनुभव है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में जो भी बदलाव आ रहा है, उसमें प्राचीनता और परम्परा के साथ आधुनिक तरीके से विकास हो रहा है। यहां पर गंगा आरती के साथ आईआईटी भी मौजूद है। वाराणसी को अब स्पिरिचुएलिटी के साथ स्मार्ट सिटी की तरफ बढ़ रहा है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वाराणसी ने प्रदेश को कई मुख्यमंत्री दिए हैं लेकिन पहली बार यहां के सांसद ने देश के प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित किया है। यह वाराणसी के निवासियों के लिए गौरव की बात है। एक सांसद के रूप में नरेंद्र मोदी जी वाराणसी के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने कहा कि ‘नेशनल वाटरवे – वन’, ‘ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर’ तथा NHAI के राजमार्गों के माध्यम से वाराणसी, भारत के उत्तरी राज्यों के लिए, पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार बन गया है।

NHAI की जिन परियोजनाओं का श्रीगणेश किया गया है वे वाराणसी और आस-पास के क्षेत्र की यातायात सुविधा को मजबूत एवं सुगम बनाएंगी। इससे, यहां के सभी निवासियों का जीवन अधिक सुविधा-जनक हो सकेगा, साथ ही विकास के नए अवसर पैदा होंगे।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि ‘नेशनल वाटरवे - वन’ गंगा-जल-मार्ग के जरिए वाराणसी को इलाहाबाद से लेकर पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक के व्यापारिक केन्द्रों से जोड़ेगा। इस वाटरवे पर पटना और वाराणसी के बीच क्रूज वेसेल्स चलाने का काम शुरू कर दिया गया है। वाराणसी को आर्थिक विकास की धुरी बनाने के लिए यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी का तेजी से विकास किया जा रहा है। यहां बन रहे मल्टी-मोडल टर्मिनल के पास एक फ्रेट विलेज विकसित करने की योजना है।

इससे सड़क, रेल और जल-मार्ग के जरिए सामान ले जाना सुविधाजनक हो सकेगा। भारत सरकार गंगा-नदी की स्वच्छता और उसके तटों पर बसे क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। वाराणसी में ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर काम शुरू हो गया है और साथ ही घाटों के सुधार आदि का कार्य भी प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि सफाई के कारण अब गंगा-नदी के घाटों की सुंदरता दिखने लगी है। यह कार्य प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर जन-भागीदारी से ही संभव हो सका है। मैं इस सराहनीय कार्य के लिए वाराणसी की जनता को बधाई देता हूं। वाराणसी का हस्त-शिल्प बहुत ही कलात्मक, और लोकप्रिय रहा है। बनारसी साड़ी और कालीन बनाने वालों का हुनर मशहूर है। हस्त-शिल्पियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उनके उत्पादों को बाज़ार से जोड़ने के लिए अनेक प्रकल्प चलाए गए हैं। लगभग एक लाख बुनकर भाइयों और बहनों को सुविधाएं देने का लक्ष्य है। यह हस्त-कला संकुल वाराणसी क्षेत्र के कारीगरों को सुविधा प्रदान करने, उनकी आमदनी बढ़ाने और नए रोजगार पैदा करने में सहायक होगा। मुझे विश्वास है कि वाराणसी की सांस्कृतिक आत्मा को बचाए रखते हुए यहां के प्रतिभाशाली लोग निकट भविष्य में ही इस शहर का आधुनिकतापूर्ण कायाकल्प करने में सफल होंगे। यह आध्यात्मिक नगरी, विकास के अवसरों की नगरी के रूप में भी प्रतिष्ठित होगी।

आज उनका वाराणसी में करीब पांच घंटे का प्रवास है। देश के शीर्ष पद पर आसीन होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज पहली बार वाराणसी पहुंचे। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर वाराणसी में कल देर शाम तक व्यापक स्तर पर तैयारी चलती रही। राज्यपाल राम नाईक कल दोपहर प्रशासनिक तैयारी का आंकलन करने के लिए पहुंचे। राज्यपाल कल ही वाराणसी पहुंच गए थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज यहां राज्यपाल राम नाईक की पुस्तक 'चरैवेति-चरैवेति' के संस्कृत अंक का विमोचन करेंगे। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, डीएम योगेश्वर राम मिश्रा व सीडीओ सुनील कुमार वर्मा के अलावा कौशल विकास मिशन के निदेशक प्रांजल यादव कार्यक्रम स्थल पर तैयारी को फाइनल टच देने की कोशिश में लगे रहे। 

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.