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RGAन्यूज़
इस संस्थान से उत्तर प्रदेश के उन युवाओं व कलाकारों का भविष्य संवर सकता है जो फिल्म और टेलीविजन की दुनिया में भाग्य आजमाना चाहते हैं। ऐसे सभी लोगों के लिए यह संस्थान सफलता की सीढ़ी के समान साबित हो
फिल्म और टेलीविजन जगत में अवसर तलाशने वालों की राह जल्द आसान होने वाली है।
प्रयागराज। फिल्म और टेलीविजन जगत में अवसर तलाशने वालों की राह जल्द आसान होने वाली है। इसके लिए फूलपुर तहसील क्षेत्र में ही एफटीआइआइ यानी नेशनल फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की उच्च स्तरीय संकल्पना हुई है। ग्राम नई बाजार मूल्हापुर बहरिया फूलपुर में भारत सरकार के अपर निजी सचिव (गोपनीय विभाग) डा. रचित पांडेय ने भूमि उपलब्ध कराई है।
जल्द होगा भूमि पूजन, परिवहन की सुगमता को होने लगे विकास का
इस स्थान तक परिवहन सुगम करने के लिए विकास कार्य होने लगे हैं। भूमि पूजन की तारीख जल्द तय हो जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली में कार्यरत डा. रचित पांडेय नई बाजार मूल्हापुर के मूल निवासी हैं। उन्होंने बताया कि एफटीआइआइ बहुउद्देश्यीय होगा। इसे केंद्रीय संस्थान बनाया जाएगा, जबकि प्राथमिक दो शाखाएं झांसी और मुंबई में स्थापित होंगी। संस्थान का भवन दो मंजिला बनाया जाएगा।
इसकी संकल्पना और रूपरेखा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष और बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति के अध्यक्ष डा. पुनीत बिसारिया ने बनाई है। इस संस्थान से उत्तर प्रदेश के उन युवाओं व कलाकारों का भविष्य संवर सकता है जो फिल्म और टेलीविजन की दुनिया में भाग्य आजमाना चाहते हैं। ऐसे सभी लोगों के लिए यह संस्थान सफलता की सीढ़ी के समा
कोविड के चलते टला था भूमि पूजन
प्रस्तावित फिल्म संस्थान के लिए भूमि पूजन की तैयारी डेढ़ साल पहले हुई थी, लेकिन कोविड के चलते यह कार्यक्रम टल गया था। कागजी तौर पर रोडमैप तैयार किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वैश्विक प्रतिनिधि सुरेश प्रभाकर प्रभु भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। इस संस्थान में फिल्म और टेलीविजन के कार्यक्रमों का निर्माण होगा। इसे बहुउद्देशीय इसलिए बनाया जा रहा है ताकि नवोदित कलाकारों को प्रशिक्ष
बनेंगी सकारात्मक लघु फिल्में
करीब 2600 स्क्वायर फीट में प्रस्तावित फिल्म संस्थान में सांस्कृतिक, खेती किसानी, मनाेरंजक, ऐतिहासिक व वर्तमान परिस्थितियों पर आधारित गतिविधियों पर नाटक, लघु फिल्मों का निर्माण होगा। आमतौर पर फिल्म व टीवी धारावाहिकों में नकारात्मक चीजें अधिक परोसी जाती हैं जबकि इस फिल्म संस्थान में सकारात्मक पहलुओं को दर्शाते हुए फिल्माया जाएगा। इसे पूरी तरह विकसित करने के लिए कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को सौंप दी है। भवन निर्माण और अन्य संसाधन की व्यवस्था