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हिसार स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए दोबारा भेजेंगे नमूना। 280 घोड़े के सीरम का नमूने में से आगरा का एक घाेड़ा संदिग्ध पाया गया है। विशेषज्ञों ने घोड़े का फोटो मंगाया। उन्होंने दोबारा सीरम के नमूने भेजने को कह
बीमारी से ग्रस्त घोड़े के सैंपल लेती पशु विशेषज्ञों की टीम।
आगरा,। ग्लैंडर्स फारसी बीमारी के पहचान के लिए घोड़ों और उसकी प्रजाति के गदहे और खच्चर के सीरम के नमूने में एक संदिग्ध सामने आया है। अप्रैल और मई में कुल 280 नमूने एकत्र किए गए। केंद्रीय प्रयोगशाला हिसार (हरियाणा) में जांच के लिए भेजा गया। जिसमें आगरा का एक नमूना संदिग्ध मिला है। विशेषज्ञों ने घोड़े का फोटो मंगाया। उन्होंने दोबारा सीरम के नमूने भेजने को कहा है। घोड़े के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी पशु चिकित
मंडलीय प्रयोगशाला के अधीक्षक डा. विजयवीर चंद्रयाल ने बताया कि आगरा और अलीगढ़ मंडल के जिलों से कुल 280 नमूने एकत्र किए गए। उनकी जांच के लिए हिसार स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया था, जिनमें एक घोड़े की रिपोर्ट मानक के विपरित है। प्रयोगशाला के विशेषज्ञों ने घोड़े के फोटो को मंगाया था उसे भेज दिया गया है। अब सीरम के नमूने को एकत्र कर दोबारा जांच के लिए भेजा गया है।
बहुत तेज फैलता है संक्रमण, मनुष्य भी हो जाते हैं
प्रयोगशाला अधीक्षक डा. विजयवीर चंद्रयाल ने बताया कि ग्लैंडर्स फारसी की चपेट में आने के बाद पशु को मारने के अलावा कोई और उपाय नहीं रहता है। क्योंकि लाइलाज बीमारी का वैक्सीन नहीं तैयार हो पाई है। इसका संक्रमण बहुत तेज फैलता है। पशुओं के अलावा मनुष्य भी प्रभावित हो सकते हैं।
यह है लक्ष
घोड़े या उसकी प्रजाति के पशुओं के नाक से पीला का द्रव्य निकलना, तापमान असामान्य और पशुओं के शरीर म