मियां−बीवी के बीच क्यों होते हैं झगड़े, तकरार से बचने की राह दिखा रही सुखमय दांपत्य

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RGAन्यूज़

पुलिस के पास आने वाले 60 फीसद मामले दंपतियों में झगड़े के ही होते हैं। मध्य प्रदेश के सेवानिवृत्त मुख्य नगर नियोजक की पुस्तक सुखमय दांपत्य का एडीजी ने किया विमोचन। दर्जनों परिवारों पर सर्वे के बाद निकले निचोड़ को शब्दों में पिरोकर पुस्तक में सं

दर्जनों पति पत्नी पर सर्वे करने के बाद पुस्तक सुखमय दांपत्य में खुशहाल जीवन के टिप्स दिए गए हैं।

आगरा, । रात को चलती रहती हैं मोबाइल पर उंगलियां, सीने पे किताब रखे सोए जमाना हो गया। सोशल मीडिया के इस युग में उत्तम चंद शाह की पुस्तक सुखमय दांपत्य हवा के ताजे झोंके की तरह है। जब पुलिस के पास आने वाले 60 फीसद मामले दंपतियों के बीच झगड़े के हैं। ऐसे में यह पुस्तक बिखरते परिवारों को बचाने में मदद करेगी। मध्य प्रदेश के सेवानिवृत्त मुख्य नगर नियोजक उत्तम चंद शाह की पुस्तक का बुधवार को एडीजी राजीव कृष्ण न

बुजुर्ग उत्तमचंद शाह वर्तमान में आगरा में रहते हैं। उनकी पुत्री डाक्टर शर्मिला पंजवानी बाग फरजाना में रहती हैं। उत्तम चंद ने इस पुस्तक में अपनी जिंदगी का निचोड़ लिखा है। इससे पहले उन्होंने दर्जनों परिवारों पर सर्वे किया। दंपतियों के बीच होने वाले झगड़ों का कारण और उनके दुष्परिणाम जानने का प्रयास किया। शाह चाहते थे कि उनकी पुस्तक का विमोचन पुलिस अधिकारी ही करें। उनकी यह पुस्तक बिखरते परिवारों को बचाने में मददगार सा

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने शाह की पुस्तक का विमाेचन अपने कार्यालय पर किया। कार्यक्रम में आइजी रेंज नचिकेता झा, एसएसपी सुधीर कुमार सिंह्र, एसपी सिटी विकास कुमार एवं परिवार परामर्श केंद्र के काउंसलर भी मौजूद रहे। एडीजी ने काउंसलर को शाह से रूबरू कराया।

काउंसल

एडीजी के साथ ही पुस्तक के लेखक उत्तम चंद शाह ने काउंसलरों से बातचीत की। उन्हें बताया कि काउंसलिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। मुकदमा लिखकर जेल भेजना मुश्किल काम नहीं है, लेकिन बिखरते हुए परिवारों को बचाना बड़ी चुनौती है। पुलिस को यही सोचना चाहिए कि तलाक आखिरी रास्ता है। शाह ने अपनी पुस्तक में इस पर पूरा अध्याय लिखा है।

पुलिस के पास आने वाले 60 फीसद मामले दंपतियों के वि

पुलिस के पास आने वाली 60 फीसद शिकायतों में पति-पत्नी के झगड़ों की होती है। ऐसा नहीं है कि दंपतियों के बीच अब झगड़े ज्यादा होते हैं, पहले संयुक्त परिवार होते थे। वह पंचायत कर उनमें सुलह करा देते थे। अब एकल परिवार होने के चलते पुलिस को पंचायत करनी 

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