

RGAन्यूज़ मेरठ समाचार
मेडिकल कालेज में कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने किया पहला सफल आपरेशन। 1.15 लाख रुपये आया खर्च बाहर कराते तो आता 2.50 से तीन लाख। अब यहां पर कम खर्च पर हृदय रोग से पीड़ित गरीब मरीज भी अपना उपचार करा सकेंगे।
मेरठ संवाददाता:- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हृदय रोगियों के लिए राहत की खबर है। लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में हृदय के खराब वाल्व बदलने की सर्जरी शुरू हो गई है। सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक स्थित कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने माइट्रल वाल्व बदलने का पहला सफल आपरेशन कर इसकी शुरुआत कर दी। अब यहां पर कम खर्च पर हृदय रोग से पीड़ित गरीब मरीज भी अपना उपचार करा सकेंगे।
सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता और कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के सह आचार्य डा. रोहित कुमार चौहान ने बताया कि कंकरखेड़ा निवासी 34 वर्षीय कविता दो वर्ष से घबराहट, असामान्य हृदय गति एवं छाती में दर्द से परेशान थीं। कार्डियो थोरेसिक सर्जरी ओपीडी में परामर्श लिया। जांच में पता चला कि मरीज का माइट्रल वाल्व खराब है। मरीज को माइट्रल वाल्व बदलने की सर्जरी कराने की सलाह दी गई। सहमति के बाद कार्डियो थोरेसिक सर्जन डा. रोहित कुमार चौहान, एनेस्थीसिया से डा. सुभाष दहिया, परफ्यूजनिस्ट विमल चौहान, ओटी इंचार्ज हिमाली चौहान, बुशरा और नीतू की टीम ने मैकेनिकल हार्ट वाल्व का सफल प्रत्यारोपण हार्ट-लंग्स मशीन की सहायता से करने में सफलता अर्जित की। प्राचार्य ने कहा कि इस आपरेशन की सफलता के बाद नवजात बच्चों में हार्ट की सर्जरी पर भी जोर दिया जाएगा। प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय भी मौजूद रहे।
अब गरीब करा सकेंगे उपचार
इस आपरेशन में कुल 1.15 लाख रुपये का खर्च आया है। कार्डियो थोरेसिक सर्जन डा. रोहित ने बताया कि यही आपरेशन प्राइवेट अस्पतालों में कराने पर 2.50 लाख से तीन लाख तक का खर्च आता है। अगर मरीज के पास आयुष्मान भारत कार्ड है तब मेडिकल कालेज में खर्च 55 हजार तक ही आएगा। इससे गरीब मरीज उपचार करा सकेंगे। हार्ट के वाल्व संक्रमण की वजह से खराब हो जाते हैं।
आपरेशन में लगे तीन घंटे 30 मिनट
डा. रोहित ने बताया कि मैकेनिकल हार्ट वाल्व का प्रत्यारोपण करने में तीन घंटे 30 मिनट का समय लगा। यह आपरेशन चार घंटे के भीतर ही करना होता है। एडवांस हार्ट-लंग्स मशीन मेडिकल कालेज में आने से ये आपरेशन करना आसान हुआ है। इस मशीन के जरिए मरीज के शरीर के तापमान को कम और ज्यादा किया जा सकता है। वाल्व बदलने की सर्जरी के दौरान मरीज के हार्ट का काम यही मशीन करती है।