छात्राओं को आपत्तिजनक तस्‍वीर वाट्सएप करने वाले शिक्षक के ल‍िए जरूरी गाइडलाइन तय

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RGAन्यूज़ बिहार दरभंगा

Darbhanga news विवि की आंतरिक शिकायत समिति ने समर्पित की रिपोर्ट विभाग के सभी शिक्षकों का होगा स्थानांतरण। विश्वविद्यालय हिंदी विभाग में कभी भी वापस स्थानांतरित नहीं करने की भी अनुशंसा। आरोप के बाद छात्र संगठनों की मांग पर शिक्षक का समस्तीपुर किया गया था स्थानांतरण।

दरभंगा, जासं। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अधीन डा. एलकेवीडी कालेज ताजपुर, समस्तीपुर के सहायक प्राध्यापक डा. अखिल कुमार पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर विवि की आंतरिक शिकायत समिति ने रिपोर्ट समर्पित कर कर दी है। रिपोर्ट में डा. अखिलेश को तत्काल निलंबित करने के साथ ही राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 के तहत विश्वविद्यालय हिंदी विभाग में कभी भी वापस स्थानांतरित नहीं करने की भी अनुशंसा की है। इसके साथ ही हिंदी विभाग में शैक्षणिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था कायम रखने के लिए विभागीय सभी शिक्षकों का स्थानांतरण करने की अनुशंसा की गई है।

बता दें कि विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में सहायक प्राध्यापक रहे डा. अखिलेश कुमार पर हिंदी विभाग की छात्राओं ने वाट्सएप पर आपत्तिजनक तस्वीर भेजने का आरोप लगाया था। साथ ही नोट्स के बहाने अकेले घर भी बुलाने जैसे कई गंभीर आरोप लगे थे। इसके बाद मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। इस मामले को लेकर 29 जुलाई से पांच अगस्त तक विवि में छात्र संगठनों ने जोरदार आंदोलन भी किया था। साथ ही छात्राओं ने वर्ग बहिष्कार कर आरोपित शिक्षक को बर्खास्त करने की मांग की थी। तब पूरे मामले को देखते हुए कुलपति के आदेशानुसार सहायक प्राध्यापक को डा. एलकेवीडी कालेज ताजपुर समस्तीपुर तबादला कर दिया गय था। अब डेढ़ माह बाद आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद शिक्षक पर विवि में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

छात्राओं ने दिए थे वाट्सेप चैट के सबूत

पीजी हिंदी विभाग की छात्राओं ने शिक्षक अखिलेश कुमार पर आरोप लगाया था कि वे उन्हें अपनी आपत्तिजनक तस्वीर भेजा करते थे और उनसे अश्लील बातें भी करते थे। छात्राओं ने इस मामले में कई आडियो और वाट्सेप चैट के सबूत भी दिए थे। छात्र-छात्राओं ने हिंदी विभागाध्यक्ष से इसकी शिकायत की थी। विभागाध्यक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुलपति को पूरे मामले से अवगत कराया था।

विभागाध्यक्ष के पत्र के बाद सामने आई थीं छात्राएं

विवि स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेंद्र साह ने पांच और 29 जुलाई को कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह को पत्र लिख अपने ही विभागीय शिक्षक डा. अखिलेश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। विभागाध्यक्ष ने अपने पत्र में बताया था कि शिक्षक डा. अखिलेश कुमार विभागीय छात्राओं का शारीरिक एवं मानसिक शोषण करते थे। नेट-जेआरएफ करा देने एवं अपनी ऊंची पहुंच के बदौलत प्रोफेसर बना देने के बहाने अपने घर बुलाते थे। जहां अकेले का फायदा उठाते हुए छात्राओं का शारीरिक एवं मानसिक शोषण करते। इसकी शिकायत कई छात्राओं ने उनसे यानी विभागाध्यक्ष से की थी। इतना ही नहीं विभागाध्यक्ष ने आगे अपने पत्र में लिखा था कि डा. अखिलेश छात्र-छात्राओं के बीच हमेशा दहशत का माहौल बनाए रखते थे। जो छात्र-छात्रआएं किसी शिक्षक या विभागाध्यक्ष के खिलाफ उनके द्वारा रचित षडयंत्र का मोहरा नहीं बनते थे, उन्हें कैरियर बर्बाद करने की धमकी दी जाती थी।

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