गोरखपुर में जनता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं दिखे डॉक्टर, कहीं देर से पहुंचे तो कहीं आए ही नहीं- परेशान रहे मरीज

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RGAन्यूज़

गोरखपुर जिले में डॉक्टरों की कमी से लोगों की स्वास्थ्य पर असर तो पड़ ही रहा है लेकिन जहां डॉक्टरों की तैनाती है वहां भी मरीजों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों के समय से नहीं आने से मरीज परेशान हो रहे ह

गोरखपुर के स्वास्थ्य केंद्रों पर लटका ताला। -

गोरखपुर, । डॉक्टरों की कमी से गोरखपुर जिला जूझ ही रहा है, जो तैनात हैं, वे भी जनता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं हैं। रोगी परेशान हैं और डॉक्टर नदारद। स्वास्थ्य केंद्र खुलने का समय सुबह आठ बजे है लेकिन सहजनवां तसहील के किसी स्वास्थ्य केंद्र पर समय से डॉक्टर नहीं पहुंचे। सहजनवां सीएचसी पर तो 1.13 बजे तक डॉक्टर के कक्ष में ताला बंद रहा। रोगी परेशान दिखे। अनेक तो निजी अस्पताल या झोलाछाप के पास चले गए। कमोबेस यही स्थिति सभी स्वास्थ्य केंद्रों की थी

ऐसा है स्वास्थ्य केंद्रों का हाल

  • सीएचसी सहजनवां पर सुबह 8.05 बजे फार्मासिस्ट पहुंच गए। हसीन बानो महिला डॉक्टर को दिखाने आई थीं। डॉक्टर नहीं थीं, फार्मासिस्ट ने दवाएं दी। 8.15 बजे डेंटिस्ट पहुंच गए। लेकिन महिला डॉक्टर व फिजिशियन के कक्ष में ताला ही लटका रहा। यहां न तो अधीक्षक पहुंचे और न ही कोई डॉक्टर। अस्पताल अधीक्षक डॉ. व्यास कुशवाहा बेहोशी, डॉ. शांतनु मल्ल एमडी, डॉ. शुभम गुप्ता, डॉ. उस्मानी एमडी पैथ, डॉ. अमित उपाध्याय आर्थो सर्जन के रूप में तैनात हैं। बाल रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व सर्जन तैनात नहीं हैं। इसलिए ऑपरेशन नहीं हो पाते। एक महिला चिकित्सक संविदा पर हैं। 12 स्टाफ नर्स हैं। जबकि दो ओटी टेक्नीशियन तैनात हैं। अधीक्षक व्यास कुशवाहा ने कहा कि मैं विभागीय कार्य से जिले पर हूं। जो भी मूलभूत कमियां है उसके बारे में सीएमओ को बता दिया गया है। जो लोग अनुपस्थित हैं। उनसे पूछताछ की जाएगी।
  • सीएचसी पिपरौली पर एक्सरे टेक्नीशियन तैनात हैं लेकिन पोर्टेबल एक्सरे मशीन नहीं हैं। एनेस्थेटिस्ट, सर्जन व स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ तैनात न होने से आपरेशन नहीं हो पाते हैं। अस्पताल में पीडियाट्रिक आइसीयू है लेकिन कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। सीएचसी ठर्रापार का ताला सुबह नौ बजे खुला। सात की जगह मात्र तीन डाक्टर तैनात हैं। वह भी समय से नहीं पहुंचे। अधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि वह सीएमओ कार्यालय गए थे, इस वजह से विलंब हुआ। एक डॉक्टर वीआइपी ड्यूटी में हैं। अन्य से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटसहरा में 10.5 बजे कर्मचारी पहुंचे, ताला खोले। वहां कोई डॉक्टर तैनात नहीं हैं। नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिठुआखोर के खुले एक साल हो गए हैं लेकिन अभी तक कोई डॉक्टर तैनात नहीं है। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि लगातार निगरानी चल रही है। अनुपस्थित डॉक्टरों पर कार्रव
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