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RGA news
खंदारी और बाग फरजाना मोती कटरा से यह है संबंध। इतिहासकार राजकिशोर राजे ने अपनी पुस्तक तवारीख-ए-आगरा में जिक्र। शाहजहां की प्रेयसी बेगम फरजाना का निवास था बाग फरजाना में। बेगम कंधारी बेगम का महल था खंदारी पर। शाहजहां की एक बंदी मोती बेगम का निवास था मोती कटरा में।
आगरा, । मुगल शहंशाह शाहजहां ने अपनी बेगम अर्जुमंद बानो (मुमताज महल) की याद में ताजमहल की तामीर कराकर दुनिया को मोहब्बत की अनमोल निशानी भेंट की। मुमताज को तो पूरी दुनिया जान गई, लेकिन शाहजहां की अन्य बेगमों, प्रेमिकाओं के मकबरे और उनके नाम पर बसे क्षेत्र इतिहास में कहीं गुम होकर रह गए। समय के साथ कई का नामोनिशान मिट गया और वह किस्से-कहानियों तक सीमित रह गए।
मुगल शहंशाह शाहजहां की बेगमों, प्रेमिकाओं और बंदी के नाम पर आगरा में आबाद क्षेत्रों का उल्लेख इतिहासकार राजकिशोर राजे ने अपनी पुस्तक "तवारीख-ए-आगरा' में किया है। उन्होंने अपनी पुस्तक में बाग फरजाना को शाहजहां की प्रेयसी बेगम फरजाना, खंदारी को शाहजहां की बेगम कंधारी और मोती कटरा को शाहजहां की बंदी मोती बेगम से संबंधित बताया है।