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RGA News संवाददाता,लखनऊ
नन्हीं रिमझिम (अंशिका) का सपना पूरा हुआ। पिता के हाथों बनाई गई खड़ाऊं अपने हाथ से उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट की। मुख्यमंत्री ने आधे घंटे रिमझिम से बात की। उससे कविता सुनी। डीएम को बुलाकर कहा कि बिटिया को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अपने राहत कोष से रिमझिम को पांच लाख रुपए देने की घोषण की। इसके अलावा उसको पिता के बीमा के भी पांच लाख रुपए दिए जा रहे हैं। माल के सालेहनगर की रिमझिम मुख्यमंत्री को खड़ाऊं भेंट करना चाहती है यह आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने प्रमुखता से छापा था। इसका मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया और गुरुवार को रिमझिम को आवास पर बुलाया।
रिमझिम के माता पिता दोनों ही नहीं है। तीन साल पहले मां की मृत्यु हो गई थी। पिता आनन्द शर्मा बिजली विभाग में संविदा कर्मी थे। बीते नवम्बर में खंभे से चिपक कर उनकी मृत्यु हो गई। हस्तशिल्प के कारीगर भी थे। अपने हाथों से मुख्यमंत्री के लिए खड़ाऊं बनाई। बीते पांच नवम्बर को दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अपनी बिटिया रिमझिम से वह सारी बात बताते थे। रिमझिम की मां तीन वर्ष पहले ही स्वर्ग सिधार चुकी हैं। पिता को खोने के बाद रिमझिम का एक ही सपना था कि मुख्यमंत्री योगी बाबा को खड़ाऊं भेंट करनी है।