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RGA News मेरठ
इस साल सत्रहवीं लोकसभा (2019 Loksabha elections 2019) का गठनहोना है। इसके लिए होने वाला सियासी मैच उत्तर प्रदेश में खासा अहम होगा। प्रदेश में यह सियासी मैच तीन प्रमुख जोड़ियों के बीच होने जा रहा है। पहली जोड़ी है भाई और बहन (Rahul Gandhi-Priyanka Gandhi) की। दूसरी 'बुआ-भतीजे' (Mayawati-Akhilesh) और तीसरी जोड़ी है मोदी और योगी (PM Narendra Modi- Yogi Adityanath) की। चुनाव में कौन-सी जोड़ी मिशन 2019 की पिच पर सबसे बेहतर प्रदर्शन करेगी, इसे लेकर अभी सिर्फ कयास ही लग रहे हैं, लेकिन इन जोड़ियों ने अपनी पूरी सियासी बिसात बिछा दी है और एक-दूसरे को मात देने के लिए लगातार चालें चली जा रही हैं। आने वाले दिनों में कुछ और बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं।
राहुल और प्रियंका
उत्तर प्रदेश की सियासत में अचानक से चर्चाओं में आई यह जोड़ी है भाई और बहन की। भाई देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और बहन हैं पार्टी में दो दिन पूर्व ही राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनीं प्रियंका गांधी। इनकी इस जोड़ी की चर्चा दो दिनों में हर कहीं हैं। सभी राजनीतिक दलों के रणनीतिकार इस जोड़ी को लेकर चर्चा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह जोड़ी प्रदेश की सत्ता से लंबे समय से बाहर चल रही कांग्रेस में नई जान फूंकेगी और 2019 के चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी। इस जोड़ी ने अपने साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी लगाया है, जिन्होंने मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिली जीत में अहम रोल अदा किया था। इस जोड़ी को उम्मीद है कि 2009 में उन्होंने उत्तर प्रदेश में 21 लोकसभा सीटें जीती थी और इस बार वह इससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और 30 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करेंगे।
मोदी और योगी
नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की जोड़ी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 42.63 प्रतिशत मत हासिल किए थे और प्रदेश में एकतरफा जीत हासिल करते हुए 73 सीटों पर फतह की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने 325 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। अब 2019 के लिए एक बार फिर से यह जोड़ी मैदान में है। भाजपा ने लक्ष्य तय कर दिया है कि वह इस चुनाव में 51 प्रतिशत वोट हासिल कर 73 प्लस के लक्ष्य को हासिल करेगी। इसके लिए भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है, जिसके लिए बूथ से लेकर लोकसभा स्तर तक लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। पार्टी का दावा है कि मोदी और योगी की जोड़ी 2014 के इतिहास को यूपी में दोहराएगी।
माया और अखिलेश
उत्तर प्रदेश की सियासत में सबसे अहम जोड़ी बन गई है बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की। दोनों दलों के बीच यह दोस्ती 26 साल बाद हुई है। दोनों दलों ने एक साथ मिलकर 2019 की सियासी पिच पर उतरने का ऐलान कर दिया है। दलित और मुस्लिम वोट बैंक इस जोड़ी के केंद्र में है। इस जोड़ी के बीच तय हो चुका है कि वह 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वह अपने साथ रालोद और कुछ अन्य छोटे दलों को भी ले सकते हैं। यह जोड़ी प्रदेश की सियासत में नए समीकरण भी बना रही है।