द्रविड़ बोले- विवाद के बाद और अच्छे क्रिकेटर बन सकते हैं हार्दिक-राहुल 

Praveen Upadhayay's picture

 

RGA News

पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि उन्हें इस बात से खुशी मिली कि प्रशासकों की समिति ने हार्दिक पंड्या और केएल राहुल का निलंबन खत्म ​कर दिया। राहुल द्रविड़ ने ​कहा, 'मैं खुश हूं कि दोनों का निलंबन समाप्त हो गया। अभी जांच बची है, जिसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि यह विवाद हार्दिक पंड्या और केएल राहुल के लिए एक क्रिकेटर के तौर पर बेहतर करने के लिए उत्प्रेरक का काम कर सकता है। राहुल द्रविड़ का मानना है कि इस विवाद में पड़ने के बाद हार्दिक और राहुल अपने खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।

युवाओं के खुद को खास समझने का कारण पैसा-शोहरत नहीं
राहुल द्रविड़ का मानना है कि युवाओं के खुद को खास समझने का कारण सिर्फ रातोंरात मिली शोहरत या पैसा नहीं बल्कि शुरूआती सालों में माता-पिता की जरूरत से ज्यादा मिलने वाली तवज्जो भी नुकसानदेह है। द्रविड़ ने हाल ही में एक टीवी शो पर महिला विरोधी बयान देने वाले क्रिकेटर हार्दिक पंड्या और केएल राहुल को लेकर उपजे विवाद के बाद यह बात कही। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि मोटी कमाई से खिलाड़ियों का चरित्र प्रभावित हो जाता है। उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा,'मैं इसे पैसे से जोड़ना सही नहीं मानता। पैसा मिलने से ऐसा हो सकता है लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। यह कम उम्र में भी हो सकता है। कई बार कम आय वाले परिवारों में अगर कोई बच्चा क्रिकेट में खास दिखता है तो परिवार की पूरी ऊर्जा उसी पर लग जाती है।'

खिलाड़ी जब खुद को खास समझने लगता है तो समस्या होती है 
उन्होंने कहा,'उस एक इंसान के लिए हर कोई कुर्बानी देने लगता है तो वह खुद को खास समझने लगता है। यह काफी कम उम्र से शुरू हो जाता है और बच्चों को लगने लगता है कि मैं खास हूं और सब कुछ मेरे लिए ही है।' उन्होंने कहा,'खिलाड़ी गरीब हो या अमीर, अगर वह ऐसा महसूस करने लगे तो समस्या होती है। हम कई बार उसका सामना करते हैं। एनसीए पर कई कोचों ने मुझे कहा है कि कई बार सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज और बल्लेबाज सबसे खराब फील्डर होते हैं या उनकी विकेटों के बीच दौड़ खराब होती है।' 

खिलाड़ियों को संवारने में कोचों और माता-पिता की अहम भूमिका
द्रविड़ ने कहा कि खिलाड़ियों को संवारने में कोचों और माता-पिता की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा,'अगर खिलाड़ी से उम्र छिपाने के लिए कहा जाता है तो वह गलत है। आप उसे बेईमानी सिखा रहे हैं। छोटे बच्चों के सामने यह सही मिसाल नहीं है। माता-पिता का कोचों पर बरसना या कोच या अंपायर को गलत ठहराना भी सही नहीं है क्योंकि बच्चे को लगता है कि यही सही है।'

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.