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आईसीआईसीआई बैंक लोन विवाद में बैंक के आला अधिकारियों ने सीईओ चंदा कोचर का बचाव किया है. उन पर लोन के बदले अपने रिश्तेदारों को फ़ायदा पहुँचाने का आरोप लगा है।
बैंक के चेयरमैन एमके शर्मा ने कहा है कि "चंदा कोचर पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. ये बैंक की साख ख़राब करने की साज़िश है. वीडियोकॉन कंपनी को 20 बैंकों के समूह ने लोन दिया था. इसमें आईसीआईसीआई बैंक का हिस्सा मात्र दस फ़ीसदी है।
हालांकि ये बात साफ़ हो गई है कि जब वीडियोकॉन समूह को अप्रैल 2012 में 3,250 करोड़ रुपये के कर्ज़ की मंज़ूरी दी गई थी, उस वक्त सीईओ चंदा कोचर उस वक़्त बैंक की क्रेडिट कमिटी में शामिल थीं।
आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि वीडियोकॉन को जो 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था, उसमें से 2,810 करोड़ रुपये अभी भी नहीं चुकाए गए हैं।
क्या है आईसीआईसीआई बैंक बैंक विवाद?
एक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि वेणुगोपाल धूत की वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज़ को एक नई कंपनी के लिए आईसीआईसीआई बैंक ने 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया।
दिसंबर 2008 में धूत ने दीपक कोचर के साथ मिल कर नू-पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) नाम की कंपनी बनाई. दीपक कोचर, चंदा कोचर के पति हैं।
इस कंपनी में धूत और उनके रिश्तेदारों का हिस्सा 50 फ़ीसदी था जबकि बाक़ी हिस्सेदारी दीपक कोचर, उनके पिता और चंदा कोचर की भाभी की कंपनी पेसिफ़िक की थी।
जनवरी 2009 में धूत ने एनआरपीएल का डायरेक्टर पद छोड़ दिया और अपने 24,999 शेयर सिर्फ़ 2.5 लाख रुपये में दीपक कोचर की कंपनी को ट्रांसफ़र कर दिए।
इसके बाद मार्च 2010 में एनआरपीएल को सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से 64 करोड़ रुपये का कर्ज़ मिला. सुप्रीम एनर्जी में धूत की 99.9 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी।
साल 2010 में मार्च ख़त्म होते-होते धूत की कंपनी सुप्रीम एनर्जी एनआरपीएल में 94.99 फीसदी की हिस्सेदार बन गई. नवंबर 2010 में धूत ने सुप्रीम एनर्जी में अपनी पूरी हिस्सेदारी अपने सहयोगी महेश चंद्र पुगलिया को ट्रांसफ़र कर दी।
सितंबर 2012 से अप्रैल 2013 के बीच पुगलिया ने अपनी पूरी हिस्सेदारी, जिसकी क़ीमत 9 लाख रुपये बताई गई, वो एक ट्रस्ट पिनेकल एनर्जी को ट्रांसफ़र कर दी जिसके मैनेजिंग ट्रस्टी दीपक कोचर ही थे।
इससे हुआ ये कि सुप्रीम एनर्जी जिसने कभी नू-पावर को 64 करोड़ रुपये का लोन दिया था वो तीन साल के भीतर ही पिनेकल एनर्जी में मिल गई।इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि इस पूरे चक्कर में जितने भी पैसे का लेनदेन हुआ, उससे दीपक कोचर को काफ़ी फ़ायदा पहुँचा।
इन सवालों के जवाब ढूंढे जा रहे हैं
- वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक ने किस गारंटी पर लोन दिया था?
- जब वीडियोकॉन का लोन अप्रूव हुआ तो उसका क्रेडिट स्कोर कितना था?
- क्या चंदा कोचर ने कभी इस बात की घोषणा की थी कि वेणुगोपाल धूत और उनके पति दीपक कोचर के बीच व्यावसायिक रिश्ते हैं?
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