![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
RGA News मेरठ
मेरठ से 2500 रुपये में लखनऊ तक का हवाई सफर मुमकिन है। केंद्र सरकार की उड़ान योजना में में शहर के शामिल होने के बाद यह दावेदारी मिल गई है।...
मेरठ :- यह बात तो सही है कि मेरठ अब सस्ते हवाई सफर का हकदार हो गया है। मात्र 2500 रुपये में लखनऊ तक का हवाई सफर मुमकिन है। केंद्र सरकार की उड़ान योजना (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) 3.1 में मेरठ के शामिल होने के बाद यह दावेदारी मिल गई है,लेकिन इसके धरातल पर उतरने में अभी कुछ वक्त लगेगा। हालांकि एएआइ (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने मेरठ समेत देश के तमाम शहरों में यह सेवा देने के लिये विमानन कंपनियों से ई बिड मांगी है। 27 फरवरी को मेरठ के लिये कंपनी का नाम भी फाइनल हो जाएगा। इसके बाद लाइसेंस और हवाई पट्टी को चौड़ा करने के कार्य में कुछ समय लगेगा।
18 सीटर चार्टर में छूट नहीं मिलती,इसीलिए नहीं उड़ाया
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कुंभ मेला समाप्त होने से पहले मेरठ से 18 सीटर चार्टर प्लेन लखनऊ और प्रयागराज के लिये उड़ाने की मांग की थी। यह प्रक्रिया की जटिलता के चलते पूरी नहीं हो सकी। किसी मार्ग पर नियमित विमान सेवा के लिये लाइसेंस की आवश्यकता होती है। मेरठ के लिये लाइसेंस की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो सकी है। इस स्थिति में यदि मेरठ से 18 सीटर चार्टर प्लेन उड़ाया जाता है तो वह काफी महंगा होगा और उसके किराये पर सरकार की छूट नहीं मिलेगी।
केंद्र और प्रदेश सरकार वहन करेंगी अतिरिक्त किराया
केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत देशभर के विभिन्न शहरों को आपस में हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। निजी विमानन एजेंसियां यह सेवा उपलब्ध करायेंगी। योजना के तहत सरकार ने एक घंटे की यात्रा का औसत किराया 2500 रुपये तय किया है। इससे ज्यादा समय की यात्रा का किराया उसी अनुपात में बढ़ेगा। यदि खर्च अधिक होगा तो इस घाटे की भरपाई केंद्र और प्रदेश सरकार करेंगी। इस राशि में केंद्र का हिस्सा 80 फीसद और प्रदेश सरकार का हिस्सा 20 फीसद होगा।
352 एकड़ जमीन का करना होगा इंतजाम
हवाई अड्डे के लिये मेरठ महायोजना में 503 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। 47 एकड़ में फिलहाल हवाई पट्टी बनी है। इसे एएआइ को सौंपा जा चुका है। 86 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। वन व अन्य विभागों की लगभग 18 एकड़ जमीन है। बची 352 एकड़ जमीन का इंतजाम प्रशासन को करना है। पहले चरण में 200 एकड़ जमीन की व्यवस्था करके उड़ान शुरू करा दी जाएगी।
इन रुटों के लिए डलेंगी ई-बिड
केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के चरण 3.1 में देशभर में 134 हवाई मार्गो के लिये विमानन कंपनियों से ई-बिड मांगी है। इसमें मेरठ से लखनऊ,लखनऊ से मेरठ,मेरठ से प्रयागराज और प्रयागराज से मेरठ के मार्ग भी शामिल हैं। ये बिड 23 फरवरी तक डलेंगी। 25 को खुलेंगी और 27 को चयनित एजेंसी को पत्र जारी कर दिया जाएगा।
30 मीटर चौड़ी और 1845 मीटर लंबी बनानी होगी हवाई पट्टी
मेरठ की मौजूदा हवाई पट्टी 23 मीटर चौड़ी है और 1513 मीटर लंबी है। इस हवाई पट्टी को 72 सीटर विमान के मानक के मुताबिक 30 मीटर चौड़ा और 1845 मीटर लंबा करना होगा। हवाई पट्टी के दोनों ओर 75-75 मीटर चौड़ी कच्ची जमीन चाहिए ताकि हादसे की स्थिति में कम से कम क्षति हो सके।
किटको की रिपोर्ट मेरठ के पक्ष में
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने किटको कंपनी से सर्वे कराया था। इसमें मेरठ से बेंगलुरू,मुंबई,जम्मू,लखनऊ, इलाहाबाद जैसे शहरों की उड़ान पर सकारात्मक रिपोर्ट दी गई थी। एक साल में कंपनी ने यह ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की थी।
लाइसेंस में नहीं लगेगा समय
कंपनी चयन प्रक्रिया के बाद नियमित हवाई सेवा के लिये लाइसेंस लेना होता है। हालांकि मेरठ की हवाई पट्टी पहले से ही एएआइ को हस्तांतरित है। लिहाजा लाइसेंस का आवेदन एएआइ ही करेगी और लाइसेंस मिलने में समय नहीं लगेगा।
इनका कहना है
मेरठ का उड़ान योजना में शामिल होना पहली उपलब्धि है। ई-बिड प्रक्रिया शुरू होना दूसरी। अब कोई कंपनी चयनित हो जाए तो उसके बाद जोर-शोर से जमीन और लाइसेंस की व्यवस्था करने में जुटा जाएगा। जमीन के लिये हम खुद किसानों के पास जाएंगे। एएआइ आठ से दस दिन में अस्थाई एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम तैयार कर लेता है।
-डा.लक्ष्मीकांत बाजपेयी,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा