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बिहार बिजली बोर्ड ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए बिजली की दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं करने का एेलान किया है। राज्य में बिजली की पुरानी दरें ही लागू रहेंगी। ...
पटना:- बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है।बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने इस साल बिजली टैरिफ में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की है। बता दें कि बिजली कंपनियों ने पांच से 10 फीसद बिजली दर बढ़ाने के लिए बिहार विद्युत विनियामक आयोग को 30 नवंबर, 2018 को प्रस्ताव दिया था। इसके बाद आयोग ने प्रदेश के पांच प्रमंडलों में 24 जनवरी से पांच फरवरी तक अलग-अलग छह बैठकों में जन सुनवाई की थी।
बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बड़ी राहत दी है। नए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए किसी भी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं की बिजली दर में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। वैसे बिजली कंपनी ने विद्युत विनियामक आयोग को 6.50 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने सोमवार को वर्ष 2019-20 के लिए नए टैरिफ का ऐलान किया। नई टैरिफ को एक अप्रैल से लागू किया जाना है।
इसे बनाया गया टैरिफ का आधार
आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने बताया कि 2019-20 में बिजली कंपनियों के अतिरेक राजस्व को ध्यान में रख यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष के लिए बिजली की दरों में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होगा। वर्तमान में बिजली की जो दर है वही लागू रहेगी।
बिजली की दोनों कंपनियों, क्रमश: नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की 2019-20 में कुल अतिरेक राजस्व 1578.15 करोड़ रुपए अनुमोदित हैं। दोनों वितरण कंपनियों की क्षति 15 फीसद निर्धारित की गई है। इससे अधिक की क्षति होने पर भी उस राशि को उपभोक्ताओं पर नहीं थोपा जाएगा। आयोग ने नवीकरणीय ऊर्जा क्रय का लक्ष्य 2019-20 में कुल खपत की गई ऊर्जा का 11.50 फीसद निर्धारित किया है।
डीपीएस चार्ज भी कम हुआ, ऑनलाइन जमा पर डेढ़ फीसद की छूट
विलंब से बिजली बिल जमा करने पर उपभोक्ताओं को वर्तमान में 1.5 फीसद का सरचार्ज लगता था। इसे घटाकर 1.25 फीसद कर दिया गया है। इसी तरह बिजली बिल के ऑनलाइन भुगतान पर मिलने वाली एक फीसद की छूट को बढ़ाकर 1.5 फीसद कर दिया गया है। वैसेे स्मार्ट प्री पेड मीटर का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को छह फीसद का ब्याज देना होगा। यह राशि उनके बिजली बिल में समायोजित हो जाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में भी सहूलियत
विद्युत चालित वाहनों को जिस श्रेणी के उपभोक्ता अपने उपयोग के लिए चार्ज करेंगे उन्हें उसी श्रेणी के टैरिफ पर चार्ज करने की स्वीकृति दी गई है।
अपार्टमेंट में रहने वाले उपभोक्ताओं के लिए नई श्रेणी
समूह में रहने वाले बिजली उपभोक्ता, जिनमें मुख्य रूप से अपार्टमेंट में रहने वाले लोग शामिल हैं, के लिए डीएस-3 (आप्शनल) की नई श्रेणी बनाई गई है। इसके तहत कॉमन एरिया की बिजली को एचटी लाइन का टैरिफ देना होगा। हर घर नल का जल योजना के तहत लगने वाले एक एचपी के मोटर के लिए 40 रुपए का फिक्स चार्ज सरकार को देना होगा और 6.75 रुपए एनर्जी शुल्क। इस राशि से उपभोक्ताओं का वास्ता नहीं है।
पिछले साल पांच फीसद बढ़ी थी बिजली दर
पिछले साल की बात करें तो बिजली की दरों में पांच फीसद की बढ़ोतरी की गई थी। बिजली कंपनी ने 44 फीसद बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था।