स्टाफ न दवाएं ककराला सीएचसी की यही पहचान

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RGA News ब्यूरो चीफ बदायूं

मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और उन्हें इलाज के लिए कहीं भटकना न पड़े सरकार ने ऐसे इंतजाम किए।...

ककराला : मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और उन्हें इलाज के लिए कहीं भटकना न पड़े। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर महीने करोड़ों की धनराशि से दवाएं और संसाधन मुहैया कराए जाते हैं लेकिन जिक्र ककराला सीएचसी का करें तो यहां न तो स्टाफ तैनात रहता है और न ही दवाओं की समुचित व्यवस्था है। नतीजतन यहां आने वाले मरीजों को केवल जिला अस्पताल रेफर करके कोरम पूरा कर लिया जाता है। खासकर रात के वक्त यहां कोई भी तैनात न रहने के कारण मरीजों को छोटी-मोटी समस्या पर भी जिला अस्पताल के चक्कर लगाना पड़ते हैं।

एक लाख की आबादी वाले कस्बा में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने के लिए सीएचसी बनाया गया है। यहां की जिम्मेदारी चिकित्साधिकारी डॉ. भुवनेश कुमार पर है। मरीजों को लाने के लिए तैनात की गई दो एंबुलेंस म्याऊं सीएचसी पर संबंद्ध कर दी गई हैं। केवल एक फार्मासिस्ट मरीजों को देखकर इलाज करते हैं। चिकित्साधिकारी पर पांच स्वास्थ्य केंद्रों का चार्ज है, ऐसे में वह कब और किस सीएचसी पर मिलें, इस बारे में कोई नहीं जानता। एक महिला चिकित्सक संविदा पर तैनात हैं लेकिन वर्तमान में वह अवकाश पर चल रही हैं। ऐसे में स्टाफनर्स द्वारा ही मरीजों का इलाज किया जा रहा था। कागजों की गिनती में बेड पूरे, मौजूद सिर्फ नौ

- सीएचसी में 25 मरीजों को भर्ती करके इलाज करने की सुविधा है लेकिन यहां केवल नौ बेड ही मौजूद हैं। बाकी के बेड कहां हैं, इस सवाल का जवाब स्टाफ के पास नहीं है। दिन ढलते ही यहां स्वास्थ्य सेवाएं खत्म हो जाती हैं। कुछ कर्मचारी तो ऐसे हैं जो कई-कई महीने से यहां नहीं पहुंचे। जबकि रिकार्ड में इनकी हाजिरी पूरी रहती है। सफाई व्यवस्था भी बदहाल

- यहां कई कमरे बंद पड़े हैं, इनमें सफाई तक नहीं होती। मरीजों की सुविधा को लगे हैंडपंप में सबमर्सिबल की मोटर डालकर उसका कनेक्शन घर में ले जाया गया है। दवा के नाम पर एंटीबायोटिक गोलियां तो हैं लेकिन दर्द समेत बुखार आदि की दवाएं यहां नहीं हैं। एआरवी की भई महज दो वायल यहां मौजूद मिलीं।

वर्जन

ककराला समेत कई सीएचसी पर अव्यवस्थाओं की जानकारी है। स्टाफ की लापरवाही की शिकायतें भी मिली हैं। इन अस्पताल का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरी दवाएं मुहैया कराई जाएंगी। जो भी स्टाफ लापरवाही करता मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. राजेंद्र कुमार, सीएमओ

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