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RGA News बिहार दरभंगा
हायाघाट में कई वर्षों से अधवारा समूह नदी के सिरनियां घाट से दर्जनों गांवों के लोगों की ¨जदगी नाव के सहारे ही पार उतर रही है।...
दरभंगा। हायाघाट में कई वर्षों से अधवारा समूह नदी के सिरनियां घाट से दर्जनों गांवों के लोगों की ¨जदगी नाव के सहारे ही पार उतर रही है। मानों नाव से पार होना शायद इनकी किस्मत ही बन गई है। वैसे उक्त घाट से नाव से पार होना खतरे से खाली नहीं है। इस घाट से प्रतिदिन सिरनियां, घरारी, अम्माडीह, नेयाम, थलवारा, सरायहामिद, गोड़हारी, उचौली, छतौना, बहपती, उचौली आदि गांवों के सैकड़ों लोगों का प्रतिदिन आना जाना होता है। यहां कोई सरकारी नाव नहीं होने से लोगों को निजी नाव से रुपये देकर पार होना पड़ता है। दिन में लोग जैसे- तैसे पार तो उतर जाते हैं लेकिन रात होने पर इनकी परेशानी बढ़ जाती है जब कोई इमरजेंसी हो जाता है या कोई महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती है तो उसे खटिया पर लादकर नदी के किनारे पर रखा जाता है उसके बाद नाविक को फोन किया जाता है। जब-तक नाविक तैयार हो नाव लेकर आता है, तब-तक स्थिति और नाजुक हो जाती है। कभी-कभी तो बाजार से लौटने के क्रम में देरी हो जाने के कारण लोगों को नदी किनारे अवस्थित किसी के घर या दरवाजे पर ही रात गुजारनी पड़ जाती है। नौका पर सवार हो स्कूल के बच्चे समेत प्रतिदिन सैकड़ों लोग इस पार से उस पार हुआ करते हैं। गनीमत है कि इससे पूर्व कई बार नाव दुर्घटना तो हुई है। लेकिन, लोग घायल होकर ही रह गए। ग्रामीणों के पत्राचार का नहीं हुआ असर :
मुखिया शफीउर्रहमान उर्फ बौआ मियां ने बताया कि पुल निर्माण नहीं होने से लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सूबे के मंत्री महेश्वर हजारी के समक्ष भी उन्होंने अपनी बातें रखी है। घरारी के राजकुमार यादव कहते हैं कि ग्रामीणों ने पुल निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा परंतु पुल निर्माण की दिशा में अब-तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिरनियां के मो.राजिक ने बताया कि सूबे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में महागठबंधन की सरकार बनी तो एक आशा की किरण जगी कि हमलोगों को नाव से निजात मिलेगी और पुल का निर्माण होगा। लेकिन अभी तक सरकार द्वारा इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। घरारी के रामाश्रय यादव ने कहा कि अपना दुखड़ा किस को सुनाऊं। जिसको दर्द होता है,वही जानता है। कई वर्षों से हमलोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं अब देखना है कि सरकार अब इसे कब पूरा करेंगे। घरारी के ही छात्र राजेश कुमार का कहना है कि पुल जब-तक बन नहीं जाता है,तब- तक जिला प्रशासन एक बड़ी सरकारी नाव उपलब्ध करा दे ताकि हमलोगों को थोड़ा राहत मिलेगा।