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उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था उप्र लोकसेवा आयोग ने गलत सवालों का उत्तर देने की हैट्रिक लगा दी है। हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम बदलने का आदेश दिया।
RGA न्यूज: इलाहाबाद संवाददाता
उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था उप्र लोकसेवा आयोग ने गलत सवालों का उत्तर देने की हैट्रिक लगा दी है। आयोग ने यह गड़बडिय़ां किसी दोयम दर्जे की परीक्षा में नहीं की हैं, बल्कि प्रांतीय सेवा की अहम पीसीएस जैसी परीक्षा पर लगातार सवाल उठे हैं। हजारों अभ्यर्थियों को आयोग से न्याय नहीं मिला तो हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर परीक्षा परिणाम रद करने व बदलने का आदेश दिया है।
आयोग की पीसीएस 2015 परीक्षा 527 पदों के लिए हुई। इसकी प्रारंभिक परीक्षा के 13 प्रश्नों के जवाब को अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। याचिका का अब तक निस्तारण नहीं हुआ है, वहीं आयोग मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार कराकर अंतिम चयन सूची भी जारी कर चुका है। इसी तरह से 2016 की पीसीएस परीक्षा 654 पदों के लिए हुई, इसके नौ सवालों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। यह प्रकरण कोर्ट में लंबित था, उसी बीच आयोग ने मुख्य परीक्षा भी अभ्यर्थियों के विरोध को दरकिनार करके करा दी। मेंस परीक्षा के बाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व एमके गुप्ता की खंडपीठ ने प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद कर दिया। चार सवालों का उत्तर बदलने और एक प्रश्न को रद करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, अब तक मेंस का परिणाम जारी नहीं हो सका है। ऐसे ही पीसीएस 2017 की परीक्षा 777 पदों के लिए कराई गई। इसकी मुख्य परीक्षा 17 मई को प्रस्तावित है। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा का एक सवाल रद कर दिया है और दो सवालों का उत्तर बदलने का आदेश दिया है। लगातार पीसीएस की तीन प्रारंभिक परीक्षाएं सवालों के गलत जवाब से सवालों के घेरे में हैं।