संवाददाता, चित्रकूट
सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के आरोपों की जिलाधिकारी द्वारा गठित टीमों ने पुष्टि कर दी है। जनपद में पट्टाधारक बालू का अवैध खनन कर रहे थे। दो पट्टा में सीमांकन से अधिक क्षेत्रफल में खनन पाया गया है। जिनके खिलाफ एफआईआर और रिकवरी की कार्रवाई की गई है। हालांकि अन्य पट्टों में भी तमाम कमियां मिली हैं लेकिन खनिज विभाग ने उन्हें उजागर नहीं किया है लेकिन उन पट्टाधारकों को नोटिस जरूर भेजी है। बता दें कि जिले में सात बालू के घाट संचालित हैं जिनमें अक्सर अवैध खनन की बात उठती रही है। सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा दो बार ऐसे आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। पहले जब उन्होंने अवैध खनन को लेकर मोर्चा खोला था तो हस्ता घाट में अवैध खनन सामने आया था। खनिज विभाग ने करीब 50 लाख रुपए की रिकवरी नोटिस भेजी थी। अब जब उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा तो फिर अवैध खनन की पुष्टि हो गई है। सांसद ने आरोप लगाया था कि खनिज विभाग और पुलिस मिलकर जिले में अवैध खनन करा रही है। जिस पर बुधवार को जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के नेतृत्व में सात टीमें गठित कर बालू घाटों का भौतिक सत्यापन कराया था
पहरिया व गडौली में स्वीकृत क्षेत्र से अधिक खनन
जिला खनिज अधिकारी मिथलेश कुमार पांडेय ने बताया कि जांच टीम की जांच आख्या में सामने आया है कि पहड़िया बुजुर्गसानी के पट्टेदार मैसर्स त्रिपाठी कान्ट्रेक्शन प्रोप्राइटर आनन्द त्रिपाठी स्वीकृत खनन क्षेत्र से अधिक में खनन करा रहे थे। उनके खिलाफ खनिज अधिनियम भादसं-379 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना कोतवाली कर्वी में दर्ज करायी गई। वहीं जनपद बांदा सीमा से लगा हुआ क्षेत्र गडौली तहसील राजापुर है। बांदा के ठेकेदार मैसर्स डी. जियाना ग्रुप को जनपद सीमा में अवैध खनन करते हुए पाया गया है। जिसके विरूद्ध खनिज अधिनियम भादसं-379 के तहत कार्यवाही की गई है। साथ ही साथ अवैध खनन कराने वाले दोनों ठेकेदारों के विरूद्ध रिकवरी नोटिस जारी की जा रही है। जिलाधिकारी बांदा से पट्टाधारक बांदा के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा दहिनी, मऊ ब, करारी, विहरवां आदि अन्य खनन पट्टा क्षेत्रों में कुछ कमियां पायी गई हैं उन्हें भी नोटिस जारी की जा रही है।