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RGA News
कर्नाटक के किसान वेंकटेश ने अपनी फसल को बचाने के लिए उसे तेज धूप से ढक दिया। इससे उनका खेत काफी आकर्षक हो गया। मुंदरगी से गडग के बीच यात्रा करने वाले लोग यहां रुककर सेल्फी क्लिक कर रहे हैं।
कर्नाटक के किसान वेंकटेश का खेत बना सेल्फी पॉइंट
अनार की फसल को बचाने के लिए साड़ियों से ढका था
फसल को ढकने वाला क्लॉथनेट महंगा होने पर किया जुगाड़
10 एकड़ जमीन पर खेती, अब लोग रुककर लेते हैं सेल्फी
हुबली
एक अनार सौ बीमार। यह कहावत तो आपने अकसर सुनी ही होगी। जी हां, कर्नाटक में एक किसान ने अपने अनार की फसल को बचाने के लिए जो जुगत लगाई उसके बाद यह कहावत फिर चरितार्थ होती दिख रही है। इन दिनों कर्नाटक में मुंदरगी और गडग के बीच यात्रा करने वालों के लिए किसान वेंकटेश बी का अनार का खेत सेल्फी पॉइंट बन गया है। लोग यहां विशेष रूप से रुककर सेल्फी क्लिक कर रहे हैं।
दरअसल किसान वेंकटेश ने तेज धूप से बचाने के लिए अपनी फसल को रंग-बिरंगी साड़ियों से ढक दिया है। इससे उनका रंग-बिरंगा खेत लोगों के बीच खास अट्रैक्शन बन गया है। वेंकटेश ने 10 एकड़ जमीन पर अनार की खेती की है। इस जमीन को उन्होंने दस साल के लिए लीज पर लिया है। उन्होंने यहां दो बोरवेल की मदद से ड्रिप सिंचाई करके फसल उगाई। अब जब तापमान अधिक हो गया तो अपनी फसल को बचाने के लिए उन्होंने हर पौधे को साड़ी से और हर फल को अखबार से ढक दिया है।
किसान का यह आइडिया काम कर गया और साड़ी के अंदर पौधे अच्छी तरह फल-फूल रहे हैं। वेंकटेश ने बताया, 'मैंने अनार के 4,500 पौधे उगाए हैं। बाजार में फसल को ढकने वाला क्लॉथ नेट काफी महंगा था और एक नेट से केवल 30 से 40 पौधों को ही ढका जा सकता था। जबकि मेरी 10 एकड़ की फसल को ढकने के लिए मुझे नेट खरीदने में 1.2 लाख रुपये खर्च करने पड़ते।'
उन्होंने बताया, 'यह नेट केवल एक फसल के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है और मैं उन्हें दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकता। दूसरे किसानों से बात करके मैंने अपने पौधों को साड़ी से ढकने का फैसला किया।' इसके बाद उन्होंने पुरानी साड़िया खरीदीं। उन्होंने बताया, 'मैंने एक साड़ी के लिए 16 रुपये खर्च किए और कुल 4500 साड़ियां खरीदीं। मैंने हर पौधे को ठीक तरीके से कवर करने के लिए हर साड़ी की सिलाई की। वहीं फलों को बचाने के लिए उन्हें अखबार से ढका।' वेंकटेश ने 10 से 12 लाख की लागत लगाकर फसल उगाई है, जिससे उन्हें 55,000 से 60,000 प्रति टन कमाई की उम्मीद है।