बरेली ब्यूरो चीफ
बरेली मंडल के पीलीभीत जिले में स्थित टाइगर रिजर्व के जंगल की चहारदीवारी को चैन ¨लक फे¨सग से सुरक्षित किया जाएगा। इससे बाघ समेत अन्य वन्यजीव आसानी से बाहर नहीं आ सकेंगे। मानव का जंगल में प्रवेश भी रुक सकेगा। वन संरक्षक ने टाइगर रिजर्व के डीएफओ को प्रस्ताव बनाने के लिए कहा है। पिछले दो सालों में टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर बाघ लगातार आबादी में दस्तक दे रहे हैं। वहीं, जंगल किनारे गांव में रहने वाले एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों को बाघ अपना निवाला बना चुके हैं। ऐसे में टाइगर रिजर्व की माला, महोफ, दियोरियां, पूरनपुर क्षेत्र में सोलर तार फे¨सग का कार्य कराया जा रहा है। सांसद निधि, विधायक निधि, नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी की धनराशि से फे¨सग का काम तेजी से हो रहा है। सोलर तार फे¨सग सुरक्षित है, लेकिन मेंटीनेंस काफी महंगा है। इसलिए अब जंगल की चहारदीवारी को चैन ¨लक फे¨सग से सुरक्षित की जाएगी, जो लोहे की जाली होती है। यह जाली कई फिट ऊंचाई तक होगी, इससे टाइगर समेत अन्य कोई वन्यजीव बाहर नहीं आ पाएंगे। चैन ¨लक फे¨सग के रखरखाव पर कोई ज्यादा बजट भी खर्च नहीं होगा। बरेली वृत्त के वन संरक्षक पिनाकी प्रसाद ¨सह ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डीएफओ को चैन ¨लक फे¨सग का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वन संरक्षक ने बताया कि टाइगर रिजर्व के जंगल की चहारदीवारी को प्राथमिकता के साथ सुरक्षित किया जा रहा है। क्योंकि सीमाएं खुली होने से बाघ जंगल से निकलकर आबादी का रुख कर रहे हैं, इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष काफी बढ़ गई है।